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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत सरकार किसानों को अपनी फसलों का रजिस्ट्रेशन कराने की सलाह देती है. लेकिन कई बार लापरवाही या किसी वजह से कुछ किसान इस योजना के लिए आवेदन नहीं कर पाते हैं. ऐसे किसानों की चिंता उस वक्त बढ़ जाती है, जब भारी बारिश और ओलावृष्टि की मार उनकी फसलों पर पड़ती है. फसल बर्बाद हो जाने पर वह मुआवजे के हकदार नहीं रहते. इससे उनके सामने जीवनयापन का संकट खड़ा हो जाता है. हालांकि, अब इन किसानों को भी हरियाणा सरकार ने राहत देने का फैसला किया है.
खोला गया ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल
हरियाणा सरकार अब उन किसानों को भी अपने फंड से मुआवजा देगी जो फसल बीमा योजना में कवर नहीं हैं. गिरदावरी का काम 15 दिन में पूरा कर लिया जाएगा. पारदर्शी तरीके से सभी किसानों को मुआवजा दिया जाएगा. इसके लिए हरियाणा सरकार ने ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल को 3 अप्रैल तक के लिए फिर से खोल दिया है. बता दें कि ई-क्षति पोर्टल पर अपने फसल की जानकारी देने से पहले किसानों को मेरी फसल, मेरा ब्यौरा पोर्टल पर फसल का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है.
अब तक इतने किसान करा चुके हैं रजिस्ट्रेशन
किसानों को ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपने फसल नुकसान का ब्यौरा भरना अनिवार्य है. इसके अलावा, जो किसान स्वयं क्षतिपूर्ति पोर्टल पर नुकसान का आकलन नहीं भर सकते वे कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर भरवा सकते हैं. कॉमन सर्विस सेंटर के जरिए क्षतिपूर्ति पोर्टल पर नुकसान का ब्यौरा भरवाने का खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा.बता दें 2022-23 रबी सीजन के लिए राज्य में अब तक 1, 01,627 किसानों ने 5.73 लाख एकड़ भूमि का पंजीकरण कराया है.