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Marigold Farming: गेंदे की खेती से बदल जाएगी आपकी किस्मत, ऐसे कमाएं लाखों का मुनाफा!

Marigold Cultivation: फूलों में गेंदे की खेती सबसे मुनाफेदार फसल मानी जाती है. इसके पौधों को आप जलवायु के हिसाब से जनवरी, अप्रैल-मई या अगस्त-सितंबर में भी लगा सकते हैं. इसकी सबसे खास बात है कि इसमें अन्य फूलों की खेती के मुकाबले लागत बेहद कम आती है और मुनाफा कई गुना बढ़ जाता है.

Marigold Farming Marigold Farming
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 7:32 AM IST
  • कम लागत में ज्यादा मुनाफा
  • तीनों मौसमों में की जाती है इसकी खेती

Marigold Farming Profit: भारत में पिछले कुछ सालों में फूलों की खेती का चलन बढ़ा है. इसके पीछे की वजह पारंपरिक फसलों की खेती में ज्यादा नुकसान होना बताया जाता रहा है. इसके अलावा गेहूं और धान की खेती में लागत भी ज्यादा आती है जिसके कारण भी किसान इससे धीरे-धीरे किनारा करते नजर आ रहे हैं.

फूलों में गेंदे की खेती सबसे मुनाफेदार फसल मानी जाती है. इसके पौधों को आप जलवायु के हिसाब से जनवरी, अप्रैल-मई या अगस्त-सितंबर में भी लगा सकते हैं. इसकी सबसे खास बात है कि इसमें अन्य फूलों की खेती के मुकाबले लागत बेहद कम आती है और मुनाफा कई गुना बढ़ जाता है.

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बता दें कि गेंदे का फूल मार्केट में भी बेहद आसानी से बिक जाता है. इसका उपयोग माला से लेकर रंग बनाने में भी उपयोग किया जाता है. साथ ही इसके पत्तियों का उपयोग भी कई तरह की औषधियों को बनाने में किया जाता रहा है. किसान भाई आसानी से 25 से 30 हजार रुपये लगाकर इसकी खेती से 2 लाख तक का मुनाफा हासिल कर सकते हैं. किसान भाई जितने बड़े रकबे में इसकी खेती करेंगे उनका मुनाफा बढ़ता जाएगा.

जलवायु परिस्थितियों के आधार पर गेंदे की खेती मानसून, सर्दी और गर्मी तीनों मौसमों में की जाती है. इस फूल की ज्यादा देखभाल की जरूरत भी नहीं पड़ती. हालांकि, किसान भाइयों को इसके पौधों को बारिश और जानवरों से बचाने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए. अगर ऐसा नहीं किया तो आपके सारे मेहनत पर पानी फिर सकता है.

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बारिश के मौसम में गेंदे के पौधे को 10 से 15 दिनों के अंतराल पर 1-2 बार पानी देना चाहिए. वहीं, सर्दी के मौसम के लिए 8 से 10 दिनों के अंतराल पर और गर्मी के मौसम में 5 से 7 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए. किसान भाई ये ध्यान रखें कि फूल आने से लेकर फूल आने तक फसल पर पानी की कमी नहीं होनी चाहिए.

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