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Subsidy For Farmers: देश के कई राज्य इन दिनों गिरते भूजल स्तर की समस्या से जूझ रहे हैं. ऐसे में किसानों के सामने सिंचाई की गंभीर समस्या खड़ी होती दिख रही है. खरीफ फसलों की बुवाई शुरू हो चुकी की है, ऐसे में इसका भयावह रूप सामने आ सकता है. इससे निपटने के लिए कई सरकारें अपने-अपने स्तर पर प्रयास करती दिख रही हैं.
खरीफ फसलों की सिंचाईं की बेहद आवश्यकता होती है
बता दें कि खरीफ फसलों को सिंचाई की बेहद आवश्यकता पड़ती है. इसमें धान की खेती से भूजल स्तर पर सबसे गहरा प्रभाव पड़ता दिख रहा है. स्थिति से निपटने के लिए हरियाणा सरकार किसानों के लिए ‘मेरा पानी मेरी विरासत योजना’ चला रही है. इस योजना के तहत धान की खेती छोड़ दूसरी फसलों की खेती करने वाले किसानों को सब्सिडी दी जाती है.
कौन ले सकता है इस योजना का लाभ
इस योजना का वहीं किसान किसान उठा सकते हैं जो हरियाणा के मूल निवासी हो और धान और बाजरा की जगह अन्य फसलों की खेती करने जा रहे हो. इसके लिए किसानों मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर जाकर किसान अनुभाग पर क्लिक कर अनुदान के लिए आवेदन करना होगा.
धान की सीधी बिजाई पर भी मिल रहा है अनुदान
आवेदन के बाद कृषि विभाग द्वारा किसानों को प्रति एकड़ के हिसाब से 7 हजार रुपये उनके खाते में भेज दिया जाएगा. इस सबके अलावा सिंचाई की समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार किसानों को धान की सीधी बिजाई पर प्रति एकड़ 4 हजार रुपये दे रही है.