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PM Matsya Sampada Yojana: मछली पालन में लाखों कमाने का मौका, कारोबार के लिए सरकार दे रही पैसा

Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana: केंद्र सरकार मछली उत्पादन को 2024-25 तक कुल 220 लाख मीट्रिक टन तक पहुंचाना चाहती है. साथ ही प्रति हेक्टेयर 3 टन मचली उत्पादन को बढ़ाकर 5 टन प्रति हेक्टेयर करने के लक्ष्य पर भी काम किया जा रहा है

Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 13 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 3:10 PM IST
  • 2024-25 तक 20 लाख मीट्रिक टन मछली उत्पादन का है लक्ष्य
  • योजना के माध्यम से गांवों में रोजगार बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम जारी

भारत में किसान खेती के अलावा पशुपालन, मछली पालन और मधुमक्खी पालन जैसे छोटे-मोटे व्यवसायों की तरफ भी तेजी से रुख करते दिख रहे हैं. बड़ी संख्या में किसान (Farmers) इस तरफ आएं इसके लिए केंद्र सरकार भी कई स्तरों पर मदद कर रही है, ताकि उनकी आय बढ़ सके. मछली पालन के काम में किसानों को बेहतर मुनाफा मिले, इसके लिए केंद्र सरकार ने 'प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना' (Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana) की शुरुआत की.

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इस योजना के तहत सरकार कारोबार शुरू करने के लिए अनुदान देती है. यह अनुदान कारोबार को शुरुआत करने में लगने वाले पैसे का 40 फीसदी होता है, यानी अगर आप इस योजना के तहत इकाई स्थापित करते हैं तो आपको लागत का 40 प्रतिशत पैसा सरकार से मिल जाएगा. हालांकि, आरक्षित वर्ग जैसे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिला लाभार्थियों को अनुदान के रूप में लागत का 60 प्रतिशत पैसा मिलता है.

2024-25 तक 20 लाख मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य

साल 2019 में भारत लगभग 137.58 लाख मीट्रिक टन मछली का उत्पादन कर रहा था. केंद्र सरकार 2024-25 तक इसे कुल 220 लाख मीट्रिक टन तक पहुंचाना चाहती है. साथ ही प्रति हेक्टेयर 3 टन मचली उत्पादन को बढ़ाकर 5 टन प्रति हेक्टेयर करने के लक्ष्य पर भी काम किया जा रहा है. इसी के तहत नरेंद्र मोदी सरकार की तरफ से मछुआरों, मछली किसानों, मछली श्रमिकों, मछली विक्रेताओं के लाभ के लिए इस योजना में 20,050 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है.

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मत्स्य पालन क्षेत्र की क्षमता का विकास करना एवं उपयोग 

> नए तकनीकी उपयोगों के माध्यम से मछली उत्पादन बढ़ाना.
> मछुआरों और मछली किसानों की आय दोगुनी करें और सार्थक रोजगार पैदा करना.
> निर्यात क्षेत्र में मात्स्यिकी क्षेत्र के योगदान को बढ़ाना.
> मछुआरों और मछली किसानों के लिए सामाजिक, भौतिक और आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करना.
> एक मजबूत मात्स्यिकी प्रबंधन और नियामक ढांचा तैयार करना.
> मत्स्य पालन क्षेत्र का योगदान बढ़ाकर GVA 9% तक बढ़ाना.

मत्स्य उत्पादन क्षेत्र में निर्यात बढ़ाना मुख्य उद्देश्य

भारत सरकार मछलियों का विदेशों में निर्यात से इस समय 46,589 करोड़ रुपये सालाना कमा रही है. लेकिन जिस तरह से देश के किसानों को मछली पालन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, 2024-25 तक केंद्र की तरफ से मत्स्य निर्यात पर 1,00,000 करोड़ का मुनाफा कमाने का लक्ष्य रखा गया है. साथ ही इस योजना के माध्यम से गांवों में रोजगार बढ़ाने के लिए भी काम किया जा रहा है 

जानें कहां करें अप्लाई?

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana) के लिए अप्लाई करने का तरीका बेहद आसान है. केंद्र सरकार की तरफ से इस योजना को राज्य सरकार के माध्यम से निर्देशित किया जा रहा है. कोई भी इच्छुक व्यक्ति अपने राज्य के मत्स्य पालन विभाग के वेबसाइट पर जाकर इस योजना का लाभ उठा सकता है. साथ ही अगर इस योजना के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं तो आप केंद्र सरकार की मत्स्यपालन विभाग की वेबसाइट pmmsy.dof.gov.in पर भी विजिट कर सकते हैं.

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