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Tarbandi Yojana: आवारा पशुओं से किसानों को मिलेगा छुटकारा, सरकार इस काम के लिए दे रही है 48 हजार रुपये

Tarbandi Yojana: आवारा पशुओं से किसानों की फसल को सुरक्षित रखने के लिए राजस्थान सरकार खेतों में तारबंदी करने के लिए किसानों की मदद कर रही है. इसमें किसानों की तारबंदी लगाने में होने वाले खर्च का आधा हिस्सा राज्य सरकार के द्वारा वहन किया जायेगा.

Tadbandi Yojana Tadbandi Yojana
पिन्टू लाल मीना
  • नई दिल्ली,
  • 03 जून 2022,
  • अपडेटेड 4:19 PM IST
  • पहले आओ और पहले पाओ के आधार पर चयन
  • बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से भेजी जाएगी राशि

Tarbandi Yojana: देश के कई राज्यों में खरीफ फसलों की बुवाई की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में किसानों के सामने सिंचाई के अलावा फसलों को आवारा पशुओं से बचाने के लिए होती है. इसके लिए कई किसान दिन-रात खेतों के आसपास ही लगे रहते हैं, ताकि उनकी मेहनत और खेती-किसानी में लगी लागत की बर्बादी ना हो पाए. अब किसानों से इस समस्या से निजात दिलाने किए सरकारें खेतों में ताड़बंदी कराने के लिए अनुदान भी दे रही है.

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खेतों पर तारबंदी के लिए दी जा रही है सब्सिडी
राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन के तहत नीलगाय और आवारा पशुओं से फसलों की सुरक्षा के लिए गहलोत सरकार खेतों में 400 मीटर तक ताड़बंदी कराने के लिए सब्सिडी के तौर पर 40 हजार रुपये दे रही है. वहीं लघू और सीमांत किसानों को कुल 48 हजार रुपये की अनुदान राशि दी जाती है. 

योजना की पात्रता
इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों के पास न्यूनतम 1.5 हैक्टेयर कृषि भूमि (6 बीघा) राजस्व रिकॉर्ड अनुसार होना आवश्यक है. इसके अलावा सामूहिक रूप से भी 2 या अधिक किसानों के नाम एक ही जगह न्यूनतम 1.5 हैक्टेयर (6 बीघा) कृषि भूमि होना आवश्यक है.

इन दस्तावेजों का होना जरूरी
इच्छुक किसानों के पास 6 माह से पूर्व की नवीनतम जमाबंदी, जिन खेतो में तारबंदी करवानी है उनका नक्शा, जनाधार कार्ड (इसमे बैंक खाता एवं कृषक श्रेणी लघु और सीमांत अपडेट होना अनिवार्य है) आधार कार्ड, एक रंगीन फ़ोटो होना अनिवार्य है. फिलहाल किसान राज किसान साथी पोर्टल पर विजिट कर इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं. इस योजना के लिए लाभार्थी किसानों का चयन पहले आओ और पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा.

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वेरिफिकेशन के बाद किसानों के खाते में भेज दी जाएगी राशि
आवेदन के बाद योजना से सम्बंधित सहायक कृषि अधिकारी या कृषि पर्यवेक्षक द्वारा मौके पर कार्य का  जाकर प्री - वेरिफिकेशन किया जाएगा. उसके बाद किसान को तारबंदी कार्य कृषि विभाग द्वारा जारी दिशा - निर्देश अनुसार सम्बंधित कृषि पर्यवेक्षक / सहायक कृषि अधिकारी से पूर्ण जानकारी लेकर तारबंदी कार्य पूर्ण करवाए जाएंगे. 

भौतिक सत्यापन और जांच बाद किसानों को उनके बैंक खातों में अनुदान राशि जमा कराई जाती है. यह राशि बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की जाएगी. हालांकि चारागाह भूमि वाले, धार्मिक ट्रस्ट, सरकारी संस्थानों को इस योजना से बाहर रखा गया है.

 

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