
Vehicle Scrapping Policy: लंबे समय के विचार-विमर्श और चर्चा के बाद केंद्र सरकार और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ने स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट के बदले नई कार खरीदने वाले उपभोक्ताओं को छूट देने पर सहमति जताई है. इस कदम से त्योहारी सीजन से पहले उपभोक्ताओं को राहत मिलने की उम्मीद है. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के सीईओ के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ विस्तृत बातचीत की.
इस बैठक में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के सचिव अनुराग जैन भी शामिल थे.
क्या है व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी:
बता दें कि, व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी का उद्देश्य पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को चरणबद्ध तरीके से बाहर करने की एक योजना है. 1 अप्रैल 2022 से लागू होने वाली ये नीति राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में अब पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के बाद खरीदे जाने वाले नए वाहनों पर छूट प्रदान करेगा. 2021 में सरकार ने अनुपयुक्त और प्रदूषणकारी वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने के लिए राष्ट्रीय वाहन स्क्रैपेज नीति की शुरुआत की थी और नितिन गडकरी ने कहा था कि वह प्रत्येक शहर के केंद्र से 150 किलोमीटर के भीतर एक ऑटोमोबाइल स्क्रैपिंग सुविधा विकसित करने की योजना है.
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के अनुसार, इस प्रोजेक्ट से लगभग 10,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश और 35,000 रोजगार के अवसर की उम्मीद है. इस पॉलिसी के तहत 20 साल से पुराने प्राइवेट पैसेंजर वाहन और 15 साल से पुराने कमर्शियल वाहन फिटनेस प्रमाणपत्र (Fitness Certificate) प्राप्त करने में विफल होते हैं तो उनका पंजीकरण (Registration) रद्द कर दिया जाएगा.
पैसेंजर कारों पर कितना डिस्काउंट:
मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, हुंडई, किआ, टोयोटा और अन्य यात्री वाहन निर्माता स्क्रैप हो चुके वाहनों के बदले नई कार खरीदने पर 1.5 प्रतिशत या 20,000 रुपये (जो भी कम हो) की छूट देंगे. मर्सिडीज बेंज इंडिया ने मौजूदा ऑफर के अलावा 25,000 रुपये की फ्लैट छूट देने का ऐलान किया है. संभव है कि आने वाले समय में कुछ और कंपनियां भी स्क्रैप के बदले नई कार खरीदने पर अतिरिक्त छूट का ऐलान करें.
कमर्शियल व्हीकल्स पर छूट:
टाटा मोटर्स, वोल्वो आयशर कमर्शियल व्हीकल्स, अशोक लीलैंड, महिंद्रा एंड महिंद्रा, फोर्स मोटर्स, इसुजु मोटर्स और अन्य कमर्शियल व्हीकल्स निर्माताओं ने 3.5 टन से अधिक वजन वाले स्क्रैप किए गए कमर्शियल कार्गो वाहनों के लिए एक्स-शोरूम कीमत के 3 प्रतिशत के बराबर छूट देने की सहमति जताई है. 3.5 टन से कम वजन वाले वाहनों के लिए 1.5 प्रतिशत की छूट दी जाएगी. इसके अलावा भारी और लाइट कमर्शियल व्हीकल्स को स्क्रैप करने के लिए ट्रेडेड सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट का उपयोग करने वाले खरीदारों के लिए क्रमशः 2.75 प्रतिशत और 1.25 प्रतिशत की छूट मिलेगी.
बता दें कि, स्क्रैपेज पॉलिसी को लेकर सरकार लगातार प्रयासरत है. लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद स्वैच्छिक रूप से वाहनों को स्क्रैप में बदलने की मुहिम जोर नहीं पकड़ पाई है. मार्च 2025 तक 90,000 पुराने सरकारी वाहनों को कबाड़ में बदलने का टार्गेट रखा गया है. सरकार ने 60 रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रैपिंग सेंटर्स और 75 ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन सेटअप करने का कदम उठाया है.