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इस वित्त वर्ष के बीते 6 महीने इंडियन ऑटो सेक्टर के लिए काफी बेहतर रहे हैं. पहली छमाही में वाहन निर्माताओं ने न केवल घरेलू बाजार में शानदार प्रदर्शन किया है बल्कि निर्यात बाजार में भी साल-दर-साल आधार पर बिक्री में 14 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला है. पैसेंजर व्हीकल और टू-व्हीलर्स का शिपमेंट तेजी से बढ़ा ही है.
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर (SIAM) के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-सितंबर की अवधि में कुल निर्यात 25,28,248 यूनिट्स रहा, जो एक साल पहले की अवधि में 22,11,457 यूनिट्स की तुलना में 14 प्रतिशत ज्यादा है. SIAM के अध्यक्ष शैलेश चंद्र ने कहा, "लैटिन अमेरिका और अफ्रीका जैसे प्रमुख बाजार, जो विभिन्न कारणों से धीमे पड़ गए थे, उन्होनें फिर से रफ़्तार पकड़ी है. जिसके चलते भारत से एक्सपोर्ट तेजी से बढ़ा है."
शैलेश चंद्रा ने कहा, "लैटिन अमेरिका और अफ्रीका जैसे बाजारों में बीते कुछ सालों में कई अलग-अलग कारणों से मंदी छा गई थी. लेकिन अब वो तेजी से उभर रहे हैं. बीते सालों के आंकड़ों पर नजर डाले तो मौद्रिक संकट के कारण वित्त वर्ष 24 में ऑटोमोबाइल निर्यात में 5.5 प्रतिशत की गिरावट देखी गई थी. पिछले वित्त वर्ष में कुल निर्यात 45,00,492 यूनिट्स था, जबकि वित्त-वर्ष 23 में यह 47,61,299 यूनिट्स था. चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में पैसेंजर करों की शिपमेंट साल-दर-साल 12 प्रतिशत बढ़कर 3,76,679 यूनिट्स हो गई है.
फोटो: जापान एक्सपोर्ट होती Maruti Fronx की पहली खेप.
मारुति सुजुकी की धूम:
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने सबसे ज्यादा पैसेंजर कारों को एक्सपोर्ट किया है. इस दौरान कंपनी 1,47,063 यूनिट्स वाहनों के शिपमेंट के साथ टॉप बनी हुई है. जो पिछले साल के इस समयावधी में एक्सपोर्ट किए गए 1,31,546 यूनिट्स की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक है. हाल ही में मारुति सुजुकी ने अपनी लोकप्रिय कॉम्पैक्ट एसयूवी Maruti Fronx की पहली खेप अपने पैरेंट कंपनी सुजुकी के होम ग्राउंड यानी जापान भेजा है.
दूसरी ओर हुंडई मोटर इंडिया ने 84,900 यूनिट्स कारों का निर्यात किया, जो पिछले वित्त वर्ष के अप्रैल-सितंबर अवधि में एक्सपोर्ट किए गए 86,105 यूनिट्स के मुकाबले तकरीबन 1 प्रतिशत कम है.
दोपहिया वाहनों ने पकड़ी रफ्तार:
दोपहिया वाहनों के निर्यात की बात करें तो इस वित्त वर्ष की अप्रैल-सितंबर अवधि में टू-व्हीलर्स का निर्यात पिछले साल की समान अवधि में एक्सपोर्ट किए गए 16,85,907 यूनिट्स की तुलना में 16 प्रतिशत बढ़कर 19,59,145 यूनिट्स हो गया है. विदेशी बाजार में भारत में बने स्कूटरों की डिमांड भी तेजी से बढ़ी है. आंकड़े बताते हैं कि, स्कूटर निर्यात 19 प्रतिशत बढ़कर 3,14,533 यूनिट्स हो गया, जबकि मोटरसाइकिल निर्यात 16 प्रतिशत बढ़कर 16,41,804 यूनिट्स तक पहुंच गया है.
कमर्शियल व्हीकल्स का एक्सपोर्ट बढ़ा:
वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में वाणिज्यिक वाहनों यानी कमर्शियल वाहनों का एक्सपोर्ट भी सालाना आधार पर 12 प्रतिशत बढ़कर 35,731 यूनिट्स पहुंच गया है. हालांकि, इस दौरान तिपहिया वाहनों की शिपमेंट में 1 प्रतिशत की मामूली गिरावट भी देखने को मिली है. जो वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-सितंबर में एक्सपोर्ट किए गए 1,55,154 यूनिट्स के मुकाबले 1,53,199 यूनिट्स रही.