
हम सभी नए साल 2022 में प्रवेश कर चुके हैं. हालांकि, नया साल पाकिस्तान की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए कोई अच्छी खबर लेकर नहीं आया है और सरकार के एक हालिया फैसले से वहां कारों की बिक्री में गिरावट देखने को मिल सकती है. सरकार ने बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किए जाने वाले और स्थानीय स्तर पर असेंबल किए जाने वाले 1,000 सीसी और 2,000 सीसी की कारों पर फेडरल एक्साइज ड्यूटी (FED) में उल्लेखनीय वृद्धि कर दी है. देश में सबसे ज्यादा वाहन इसी कैटेगरी के बिकते हैं और टैक्स में कमी या वृद्धि होने पर इसकी मांग पर सबसे ज्यादा असर देखने को मिलता है.
यह टैक्स हुआ दोगुना
'Dawn' की हालिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान ने हाल में एक मिनी बजट में इस तरह के वाहनों पर FED को 2.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत कर दिया है. इससे देश की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में खलबली मच गई है. कई लोगों का कहना है कि यह फैसला ऑटोमैटिव सेक्टर को प्रोत्साहन दिए जाने की आवश्यकता के बिल्कुल विपरीत है. वहीं, 850 सीसी से 1,000 सीसी के बीच के वाहन पर सामान्य सेल्स टैक्स को 12.5% से बढ़ाकर 17% कर दिया गया है. 2,000 सीसी से अधिक के वाहन पर FED को 5% से बढ़ाकर 10% कर दिया गया है.
इम्पोर्टेड वाहन भी हो जाएंगे महंगे
सरकार ने इम्पोर्टेड वाहनों पर भी टैक्स बढ़ा दिया है. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि वित्त वर्ष 2022-23 के बजट के बाद टैक्स में यह बढ़ोत्तरी जारी रहेगी या नहीं. हालांकि, इन नए डेवलपमेंट से कैलेंडर वर्ष की पहली तिमाही में बिक्री में कमी की आशंका पैदा हो गई है.
पाकिस्तान में ये कार हैं पॉपुलर
हमारे पड़ोसी मुल्क में Pakistan Suzuki की WagonR और Cultus एवं United Motors की Kia Picanto और Alpha काफी पॉपुलर हैं.
सभी कैटेगरी की कारें हुईं महंगी
पाकिस्तान की सरकार ने पहले स्थानीय स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग को प्राथमिकता देने का इरादा दिखाया था. इसलिए सरकार ने इम्पोर्ट किए गए वाहनों को अधिक महंगा बना दिया था. हालांकि, हाल में सभी श्रेणी के वाहनों पर टैक्स में वृद्धि से यह इरादा अब विरोधाभासी नजर आता है.