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BUDGET 2024: सस्ते होंगे इलेक्ट्रिक वाहन! बजट में हुए ऐलान से बढ़ी उम्मीदें

BUDGET 2024: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आज अपने कार्यकाल का लगातार सातवां बजट पेश करते हुए कुछ ऐसे ऐलान भी किए जिसे ऑटो इंडस्ट्री लाभ के तौर पर देख रही है.

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aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 3:56 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने आज अपने तीसरे कार्यकाल (3.0) का पहला बज़ट (Budget) पेश किया. इस दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आज अपने कार्यकाल का लगातार सातवां बजट पेश करते हुए कुछ ऐसे ऐलान भी किए जिसे ऑटो इंडस्ट्री लाभ के तौर पर देख रही है. आने वाले समय में इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत में गिरावट देखी जा सकती है. इसके अलावा इंडस्ट्री को कस्टम ड्यूटी, स्किलिंग प्रोग्राम और MSME सेक्टर में किए गए ऐलानों से भी अच्छी उम्मीदें हैं.

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि, "लिथियम, तांबा, कोबाल्ट और रेयर अर्थ एलिमेंट खनिज, परमाणु उर्जा, अंतरिक्ष, रक्षा, दूर संचार और एडवांस टेक्नोलॉजी वाले इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्रों के लिए अत्यंत आवाश्यक हैं. 25 आवश्यक खनिजों को सीमा शुल्क (Custom Duty) से पूरी तरह से छूट देने और 2 खनिजों पर बीसीडी को कम करने का प्रस्ताव किया जा रहा है."

इलेक्ट्रिक वाहन होंगे सस्ते:

बता दें कि, इलेक्ट्रिक वाहनों में लिथियम-आयन बैटरी का इस्तेमाल किया जाता है. इन बैटरियों में इस्तेमाल होने वाले लिथियम का आयात भारत दूसरे देशों से करता है. अब ऐसे में जब सरकार इस पर लगने वाले सीमा शुल्क में छूट दे रही है तो इससे इनका आयात सस्ता होगा. जिसका असर इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों पर भी देखा जाएगा. 

इसके अलावा सीतारमण ने कहा कि, "स्टील और तांबा जरूरी कच्चा माल है. इनके उत्पादन की लागत को कम करने के लिए मैं फैरो निकल और ब्लिस्टर कॉपर पर बीसीडी हटाने का प्रस्ताव करती हूं. फ्रैश स्क्रैप और निकल कैथोड़ पर शून्य बीसीडी तथा कॉपर स्क्रैप पर 2.5 प्रतिशत की रियायती बीसीडी जारी रहेगी." स्टील का उत्पादन लागत कम होने से वाहनों में इसका प्रयोग किफायती होगा और इससे वाहनों की कीमत में भी कम आने की उम्मीद है.

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स्किलिंग प्रोग्राम:

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि, "प्रधानमंत्री पैकेज के अन्तर्गत चौथी योजना के रूप में केंद्र द्वारा 'कौशल प्रशिक्षण योजना' की घोषणा की जा रही है. इस योजना के तहज 5 वर्षों के भीतर 20 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके लिए देश भर में 1000 इंडस्ट्री ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोले जाएंगे. इंडस्ट्री की जरूरतों के अनुसार कोर्स, विषय-वस्तु और फ्रेमवर्क तैयार किया जाएगा." इस स्किलिंग प्रोग्राम से भी ऑटो इंडस्ट्री को काफी उम्मीदें हैं. 

क्या कह रहे हैं इंडस्ट्री एक्सपर्ट: 

हालांकि इस बार के बज़ट से ऑटो इंडस्ट्री को FAME-3 स्कीम को विस्तार देने और हाइब्रिड वाहनों पर टैक्स में छूट सहित कई योजनाओं को लेकर काफी उम्मीदें थीं. लेकिन वित्त मंत्री ने इस बारे में कोई ऐलान नहीं किया. वहीं सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स (SIAM) के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल ने इस बज़ट का स्वागत किया है. 

अग्रवाल ने अपने एक बयान में कहा कि, "भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग कई घोषणाओं के साथ आर्थिक विकास पर निरंतर जोर देने का स्वागत करता है, खासकर अगले 5 वर्षों में बुनियादी ढांचे को मजबूती देने के लिए दिया जाने वाला फिस्कल सपोर्ट. इसके अलावा ग्रामीण विकास और बुनियादी ढांचे के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपये के आवंटन जैसी घोषणाएं स्वागत योग्य कदम है जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा."

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ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ACMA) की अध्यक्ष श्रद्धा सूरी मारवाह ने कहा, "यह बजट विकसित भारत का खाका है, विशेष रूप से मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में. ये इंडस्ट्री को टिकाऊ बनाते हुए निरंतर विकास को बढ़ावा देगा. क्रेडिट गारंटी स्कीम के साथ MSME को सपोर्ट दिया जाना बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है. इसके अलावा एंजल टैक्स (Angel tax) को समाप्त करके स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित करना वास्तव में सही दिशा में उठाए गए कदम हैं." 

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