
New Year 2022: नया साल शुरू होने में महज दो दिन बचे हैं. नए साल में नई कारें और महंगी होने की संभावना है. मारुति और टाटा जैसी बड़ी ऑटो कंपनियां पहले ही अपनी कारों के दाम बढ़ाने की घोषणा कर चुकी हैं. 2-व्हीलर कंपनियां भी इसमें पीछे नहीं हैं. लेकिन कार मार्केट का एक सेगमेंट है जिसे नई कारों के दाम बढ़ने का फायदा मिल सकता है. इसका लाभ इस सेगमेंट के कार खरीदारों को भी होने की उम्मीद है.
चिप संकट ने कर रखा परेशान
दुनियाभर में सेमीकंडक्टर की किल्लत (Global Semiconductor Crisis) ने ऑटो कंपनियों के नई लॉन्चिंग के शेड्यूल से लेकर प्राइस मैनेजमेंट तक हिला कर रख दिया है. इसके अलावा कच्चे माल की बढ़ती लागत की वजह से Maruti Suzuki जैसी देश की सबसे बड़ी ऑटो कंपनी ने भी 2021 में तीन बार अपनी कारों की कीमत बढ़ाई और अब जनवरी 2022 से उसकी कारें फिर महंगी होने जा रही हैं.
मारुति और टाटा मोटर्स के अलावा होंडा कार्स, टोयोटा और रेनॉ ने भी दाम बढ़ाने की घोषणा की है. वहीं कुछ कंपनियों ने अपने चुनिंदा मॉडल की कीमतें बढ़ाने का प्लान किया है.
बढ़ेगा सेकेंड हेंड कारों का मार्केट
नई कारों की बढ़ती कीमत से निश्चित तौर पर सेकेंड हैंड कारों का मार्केट बढ़ेगा. ऑटो एक्सपर्ट्स का मानना है कि जो ग्राहक पहली बार कार खरीद रहा है या एंट्री लेवल कार का खरीदार है, वह सेकेंड हैंड कारों का रुख कर सकता है. सेकेंड हैंड कारों का मार्केट बढ़ने की एक और वजह नई कारों का वेटिंग पीरियड 6 महीने से लेकर 1.5 साल तक होना भी है. ऐसे में कार खरीदने वाले लोग सेकेंड हैंड कार की ओर जा सकते हैं.
होगा ग्राहकों-दुकानदारों का फायदा
इंडिया में सेकेंड हैंड कारों का बिजनेस बड़े स्तर पर असंगठित क्षेत्र में है. वहीं CarDekho, Cars24, Droom, Spinny, OlaCars और CarTrade जैसे कई स्टार्ट-अप भी इस सेक्टर में हैं. साथ ही ऑटो कंपनियां अपने खुद के सेकेंड हैंड कार स्टोर भी चलाती हैं. ऐसे में सेकेंड हैंड कारों का मार्केट बढ़ने से इनका बिजनेस तो बढ़ेगा ही, वहीं ये प्लेटफॉर्म ग्राहकों को वैरिफाइड और भारी डिस्काउंट पर कारों की सेल करते हैं, इससे ग्राहकों को भी अच्छा फायदा मिलने की उम्मीद है.
Cars24 के को-फाउंडर और सीएमओ गजेन्द्र जांगिड़ का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद सेकेंड हैंड कारों की डिमांड बढ़ी है. इसकी वजह ये नई कारों के मुकाबले कई गुना सस्ता होना है.
भारत में सेकेंड हैंड कारों का मार्केट 2020 में करीब 27 अरब डॉलर (करीब 2,000 अरब रुपये) का था. 2026 तक इसके बढ़कर 50 अरब डॉलर (करीब 3,720 अरब रुपये) पर पहुंचने की संभावना है.
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