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Maruti Suzuki chip: मारुति सुजुकी ने कहा- चिप सप्लाई में तेजी से सुधार, 50% मार्केट पर कब्जे का प्लान

chip shortage: मारुति सुजुकी इंडिया का कहना है कि चिप की कमी अब तेजी से दूर हो रही है. मौजूदा क्वार्टर में बेहतर रिजल्ट की उम्मीद है. कंपनी अब प्रोडक्शन बढ़ाने पर विचार कर रही है.

चिप संकट को लेकर मारुति का बड़ा बयान चिप संकट को लेकर मारुति का बड़ा बयान
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 7:39 AM IST
  • अपने SUV पोर्टफोलियो को और मजबूत करेगा मारुति
  • चिप की सप्लाई बढ़ते ही प्रोडक्शन बढ़ाने पर फोकस

देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (Maruti Suzuki India) को उम्मीद है कि महत्वपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों (Chip) की आपूर्ति में धीरे-धीरे सुधार के साथ मौजूदा तिमाही में उत्पादन (Production) गतिविधियां रफ्तार पकड़ सकेंगी.

50 फीसदी बाजार पर कब्जे का प्लान 

मारुति सुजुकी घरेलू यात्री वाहन बाजार में 50 फीसदी बाजार हिस्सेदारी तक पहुंचने के लिए अपने SUV पोर्टफोलियो को मजबूत करने सहित अन्य उपायों पर विचार कर रही है.

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अभी कुल मिलाकर कंपनी की बाजार हिस्सेदारी लगभग 44 फीसदी है. मध्यम आकार के SUV सेगमेंट में कंपनी की स्थिति अधिक मजबूत नहीं है, जो काफी तेजी से बढ़ रहा है.

मारुति सुजुकी इंडिया के मुख्य वित्त अधिकारी (CFO) अजय सेठ ने विश्लेषकों के साथ कॉल में कहा, 'वैश्विक स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों की कमी की वजह से तीसरी तिमाही में करीब 90,000 वाहनों का उत्पादन नहीं हो सका. हालांकि, इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों की स्थिति अभी भी अनिश्चित है, लेकिन सप्लाई धीरे-धीरे सुधर रही है. कंपनी को चौथी तिमाही में उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है. लेकिन यह पूरी क्षमता तक नहीं पहुंच पाएगा. 

प्रोडक्शन में इजाफा

वर्तमान में मारुति के हरियाणा और गुजरात के प्लांटों की तिमाही उत्पादन क्षमता लगभग 5.5 लाख यूनिट्स या 22 लाख यूनिट्स सालाना की है. उन्होंने कहा कि अक्टूबर-दिसंबर के दौरान कंपनी को इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों की कमी का सामना करना पड़ा, खासकर त्योहारी सीजन के दौरान, जबकि कारों की मांग आमतौर पर अच्छी बनी रहती है.

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उन्होंने बताया, 'तीसरी तिमाही में पूछताछ, बुकिंग और खुदरा बिक्री में पिछली तिमाही की तुलना में सुधार हुआ है. वित्त की उपलब्धता और ब्याज दरें अनुकूल बनी हुई हैं. उत्पादन परिदृश्य पर मारुति के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक (बिक्री और विपणन) शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि पिछले साल सितंबर से स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हुआ है. उस समय कंपनी अपने विनिर्माण लक्ष्य का केवल 40 प्रतिशत ही उत्पादन कर पाई थी.

श्रीवास्तव ने कहा, 'इस मायने में स्थिति में सुधार हो रहा है. हालांकि, यह अभी भी 100 प्रतिशत नहीं है. हम जनवरी, फरवरी और मार्च को लेकर आशान्वित हैं. हम 90 प्रतिशत से ऊपर जाने की उम्मीद कर रहे हैं. हालांकि, संभवत: हम 100 प्रतिशत तक नहीं पहुंच पाएंगे.'

 

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