
अगर आप दिल्ली की सड़कों पर अपने वाहन से फर्राटे भरते हैं, तो फिर ये खबर आपके लिए बेहद जरूरी है. दिल्ली की ट्रैफिक पुलिस लोगों से पूछ रही है कि 60 रुपये खर्च करेंगे या 10,000 रुपये भरेंगे या फिर अपने फेफड़े खराब करना चाहेंगे. दरअसल, ये सवाल सोशल मीडिया पर पुलिस पॉल्यूशन सर्टिफिकेट की अहमियत समझाने और लोगों को इसे बनवाने के लिए प्रेरित करने के लिए पूछ रही है.
लोगों से पूछा ये बड़ा सवाल
सबसे पहले बात कर लेते हैं दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के द्वारा किए गए ट्वीट की. तो 26 सितंबर को यह ट्वीट किया गया है, जिसमें सबसे ऊपर पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनावाने का खर्च बताया गया है. इसकी कीमत 60 रुपये से 100 रुपये के बीच होती है. इसके बाद ट्रैफिक पुलिस ने पीयूसीसी (PUCC) ना होने पर 10,000 रुपये के चालान का जिक्र किया है. जबकि तीसरे नंबर पर फेफड़ों की बीमारी (Lungs Disease) लिखा गया है. इसके साथ ही पुलिस ने आगे लिखते हुए पूछा है, 'आप कैसे पे करना चाहते हैं.'
ऐसे बताई PUCC की अहमियत
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने पॉल्यूशन सर्टिफिकेट की अहमियत लोगों को समझाने के लिए दो अलग-अलग फोटो भी शेयर की हैं. इनके कैप्शन में पर्यावरण को लेकर लोगों की मानसिकता को दर्शाया गया है. इसके साथ समझाइस दी गई है कि अपने वाहन का पॉल्यूशन लेवल चेक कराते रहें. गौरतलब है कि वाहन चलाते समय चालक के पास ड्राइविंग लाइसेंस, RC, व्हीकल इंश्योरेंस के अलावा पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट (PUCC) भी जरूरी होता है.
जुर्माने के साथ जेल का प्रावधान
आज सस्ती गाड़ी हो या फिर महंगी, ट्रैफिक पुलिस चेकिंग के दौरान अन्य जरूरी दस्तावेजों के साथ पॉल्यूशन सर्टिफिकेट (PUC) जरूर मांगती है और इसके न होने पर चालक पर जुर्माना ठोक दिया जाता है. केंद्र की तरफ से लागू मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicle Act) में इस सर्टिफिकेट के ना होने पर भारी-भरकम जुर्माने (Fine) का प्रावधान किया गया है, जो 10,000 रुपये तक हो सकता है. इसके अलावा भी नियम के मुताबिक, कारावास का भी प्रावधान है या फिर जुर्माना और जेल दोनों हो सकते हैं.
अलग-अलग अवधि के लिए वैलिड
ऐसे में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की इस चेतावनी को हल्के में लेना आप पर भारी पड़ सकता है. यहां बता दें आमतौर पर पॉल्यूशन कंट्रोल सर्टिफिकेट वाहन के प्रकार और फ्यूल टाइप के अनुसार बनता है. ये 60 रुपये से 100 रुपये तक में बनाया जाता है. नए वाहन के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट की वैलेडिटी 1 साल और पुराने वाहन के लिए 6 महीने की होती है. इसे अवधि खत्म होने के बाद रिन्यू कराना होता है.