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कोविड के बाद दुनिया को जिस आर्थिक मंदी के आने का अंदेशा सता रहा है, उसने क्या यूरोप में दस्तक दे दी है? किसी भी देश के लोग तरक्की कर रहे हैं, इसकी पहचान करने के कई फैक्टर होते हैं और गाड़ियों की सेल भी उनमें से एक है, लेकिन इस बार यूरोप में गाड़ियों की सेल पिछले 26 साल में सबसे कम रही है.
50% गिरी कारों की सेल
रॉयटर्स की खबर के मुताबिक इस साल जून में कारों की सेल 1996 के बाद सबसे कम रही है. जून के महीने में यूरोपीय बाजारों में 10 लाख से कुछ ही अधिक गाड़ियां बिकी हैं. यूरोपीय ऑटोमोबाइल एसोसिएशन में शामिल कई कार कंपनियों का मानना है कि सेल में ये करीब 50% की गिरावट है.
सबसे बुरा हाल Volkswagen का
अलग-अलग ब्रांड नाम से कार बेचने वाली यूरोप की प्रमुख कार कंपनी Volkswagen को सेल के मामले में सबसे ज्यादा खामियाजा उठाना पड़ा है. पिछले साल जून के मुकाबले कंपनी की कार सेल में एक चौथाई की कमी आई है.
गिर गया Volvo की गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन
वहीं लिमिटेड तौर पर गाड़ियों की सेल करने वाली कई कंपनियों का नुकसान बहुत ज्यादा रहा है. जून महीने में Volvo की नई गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन 47.9% गिर गया है. वहीं Jaguar Land Rover Group की सेल जून में 13.2% गिर गई है.
इन वजह से गिर रही गाड़ियों की सेल
तेजी से बढ़ती महंगाई, कार मैन्युफैक्चर्स को पेश आ रही सप्लाई चेन की दिक्कतें, लंबा वेटिंग पीरियड, चिप की कमी से ऑटो सेल्स लगातार गिर रही है. पिछले 12 महीने से कारों की बिक्री में कमी देखी जा रही है. यूरोप के चारों बड़े बाजार स्पेन, इटली, जर्मनी और फ्रांस में कारों की बिक्री गिरी है.
भारत में चमक रहा ऑटो बाजार
यूरोप से उलट भारत में ऑटो सेक्टर फिर से चमक बिखेर रहा है. सियाम के आंकड़ों के मुताबिक जून में पैंसेजर व्हीकल की सेल 19.06% बढ़ी है. जून 2021 में ये जहां 2,31,633 यूनिट थी वही पिछले महीने में ये 2,75,788 यूनिट रही है. सिर्फ पैंसेजर व्हीकल ही नहीं जून में दोपहिया वाहन की बिक्री भी 23.4% बढ़ी है.