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क्यों लग रही है इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग? इस कंपनी ने बताई सबसे बड़ी वजह

बीते कुछ दिनों में इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने की कई घटनाएं सामने आईं हैं. हर कोई जानना चाहता है कि ऐसा क्यों हो रहा है, तो अब इसका जवाब इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने वाली ही इस कंपनी ने दिया है...

पुणे में वायरल हुआ था EV में आग लगने का वीडियो (सांकेतिक तस्वीर) पुणे में वायरल हुआ था EV में आग लगने का वीडियो (सांकेतिक तस्वीर)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 01 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 11:58 AM IST
  • लॉन्च से पहले करें स्कूटर की हेवी टेस्टिंग
  • भारतीय मौसम के हिसाब से बनें बैटरी

जब देशभर में एक के बाद एक कई शहरों से इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग (Electric Scooter Fire Incidents) लगने की खबरें आ रही हैं, तो लोगों के बीच इनके सुरक्षित होने को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है. लोग जानना चाहते हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है. अब इसका जवाब इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने वाली स्टार्टअप कंपनी (EV Startup Company) एथर एनर्जी (Ather Energy) ने दिया है.

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भारतीय जलवायु के अनुकूल हों बैटरी

बिजनेस टुडे की एक खबर के मुताबिक एथर एनर्जी का कहना है कि इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने की जो घटनाएं सामने आई हैं. उसकी सबसे बड़ी वजह इनमें इस्तेमाल होने वाली बैटरी है. अभी मार्केट में इलेक्ट्रिक गाड़ियों में जिन बैटरियों का अधिकतर इस्तेमाल होता है, वह सभी ठंडे इलाकों को ध्यान में रखकर तैयार की गई हैं.

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि अगर इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने वाली कंपनियां उनकी बैटरी को आयात कर रही हैं, तो उनके लिए जरूरी है कि उन्हें भारतीय परिस्थितियों के हिसाब से मॉडिफाई किया जाए.

सड़क पर करें स्कूटर की जांच

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि एथर एनर्जी ने तय किया है कि वह अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर में ऐसी बैटरियां लगाएगी जो भारतीय मौसम और सड़कों के अनुरूप हो. साथ बोली कि कंपनियों को अपने प्रोडक्ट मार्केट में उतारने से पहले उनकी पर्याप्त ऑन-रोड टेस्टिंग करनी चाहिए. सिर्फ उनकी डिजाइन ही भारतीय परिस्थितियों के हिसाब से ना हों, बल्कि उन्हें ग्रिड चार्जिंग और सड़क पर बुरी से बुरी परिस्थितियों के अनुरूप बनाया जाना चाहिए. 

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कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि इन सभी के अच्छे मैनेजमेंट के लिए एक दमदार बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम होना चाहि. इलेक्ट्रिक गाड़ियों को मार्केट में लाने से पहले टेस्टिंग और मानकों से समझौता नहीं होना चाहिए, क्योंकि यात्रियों की सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता.

सरकार ने दिए जांच के आदेश

ओला, ओकिनावा और प्योर ईवी के इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने की घटना के बाद सरकार भी इसे लेकर सचेत है. सरकार ने इसकी जांच का जिम्मा रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की Centre for Fire Explosive and Environment Safety (CFEES) इकाई को सौंपा है. ये पुणे में Ola Scooter और वेल्लोर में Okinawa Scooter में आग लगने की घटना की जांच करेगी. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने CFEES को इस घटना के कारण के साथ-साथ इस तरह की घटनाओं को रोकने के बेहतर उपाय सुझाने के लिए भी कहा है.

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