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EV Fire Safety: आपके पास भी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर? चार्जिंग में लगाकर छोड़ने से बैटरी में आग का खतरा, ये 4 टिप्स

सरकार इससे पहले भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में आग लगने की घटनाओं का कारण जानने का प्रयास कर चुकी है. इसके लिए डीआरडीओ के एक लैब को जांच करने की जिम्मेदारी दी गई थी. डीआरडीओ लैब ने बैटरी की खराब क्वालिटी को आग लगने के लिए जिम्मेदार सबसे बड़ा कारण बताया था.

सुरक्षा के उपाय सुरक्षा के उपाय
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 13 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 2:51 PM IST

समय के साथ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (Electric Vehicle) की स्वीकार्यता भले ही बढ़ रही हो, लेकिन एक के बाद एक आग लगने की घटनाओं से लोगों के मन में डर भी बैठ रहा है. इस साल गर्मियों के महीने की शुरुआत के साथ ही इलेक्ट्रिक व्हीकल्स खासकर इलेक्ट्रिक स्कूटर्स में आग लगने की घटनाएं सामने आने लगीं. चाहे ओला हो या ओकिनावा, हर ईवी ब्रांड के स्कूटरों में आग लगने के मामले सामने आए. मुंबई से तो एक ऐसा मामला सामने आया, जिसमें इलेक्ट्रिक एसयूवी टाटा नेक्सन ईवी में ही आग लग गई.

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ताजा मामला तेलंगाना के सिकंदराबाद का है, जहां इलेक्ट्रिक व्हीकल शोरूम में आग लगने की भयावह घटना सामने आई है. सोमवार देर रात हुई इस घटना में अभी तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है. इस मामले में EV में आग लगने को लेकर नए सिरे से बहस छेड़ दी है. यह स्वाभाविक भी है क्योंकि अभी तक किसी एक घटना में इतने लोगों की जानें नहीं गई थी. बताया जा रहा है कि सड़क परिवहन मंत्रालय सिकंदराबाद में घटी इस घटना की जांच कराने पर विचार कर रहा है.

सरकार इससे पहले भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में आग लगने की घटनाओं का कारण जानने का प्रयास कर चुकी है. इसके लिए डीआरडीओ के एक लैब को जांच करने की जिम्मेदारी दी गई थी. डीआरडीओ लैब ने बैटरी की खराब क्वालिटी को आग लगने के लिए जिम्मेदार सबसे बड़ा कारण बताया था.

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उसके बाद सरकार ने ओला, ओकिनावा समेत तमाम इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी और सभी को सेफ्टी पर ध्यान देने को कहा था. इन्हीं प्रयासों के तहत 1 अक्टूबर से सभी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में सेफ्टी प्लग दिया जाने वाला है. हालांकि ऐसे लोगों की संख्या लाखों में है, जो पहले से ही ईवी खरीद चुके हैं. आइए जानते हैं कि ऐसे लोगों को बचाव के लिए क्या उपाय करने चाहिए...

ओवर चार्जिंग से बचें: यह सबसे आम गलती है. लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को रात में खर्च पर लगाकर छोड़ देते हैं. ओवर चार्जिंग की वजह से बैटरी के गर्म होकर फटने का खतरा रहता है, जो अंतत: आग लगने और जान पर जोखिम उत्पन्न करने का कारण बनता है. मोबाइल फोन के मामले में भी इसी कारण आग लगने की कई घटनाएं सामने आई हैं. इस बात का ध्यान रखें कि आपकी ईवी बैटरी जितनी देर में चार्ज हो जाती है, उसके बाद उसे चार्जिंग से हटा दें.

अच्छी क्वालिटी के प्लग लगाएं: प्लग मुख्य तौर पर दो प्रकार के होते हैं. एक होता है सामान्य प्लग, जो मोाबइल चार्ज करने, लैपटॉप चार्ज करने जैसे कामों में इस्तेमाल होता है. दूसरा होता है पावर प्लग, जिसका इस्तेमाल उन उपकरणों के लिए किया जाता है, जो ज्यादा बिजली की खपत करते हैं. एसी से लेकर हीटर जैसे उपकरणों के लिए इसी प्लग का इस्तेमाल किया जाता है. इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बैटरी को चार्ज करने में भी अधिक बिजली की खपत होती है. ऐसे में सामान्य प्लग का इस्तेमाल करना भी कई बार आग लगने का कारण बन जाता है.

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धूप व आग से बचाएं: इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में आग लगने की घटनाओं में गर्मी बढ़ने के साथ-साथ तेजी आई है. इसका मतलब हुआ कि आग लगने का तापमान से सीधा कनेक्शन है. अगर आप भी इलेक्ट्रिक व्हीकल चलाते हैं तो उसे धूप में न खड़ा करें. बैटरी को आग के नजदीक न रखें. इस कारण बैटरी के फट जाने का खतरा रहता है.

बैटरी व ईवी को करवाते रहें चेक: जैसे-जैसे किसी भी चीज की उम्र निकलती है, उसकी क्षमता भी कमजोर होती है. इलेक्ट्रिक व्हीकल और बैटरी के मामले में भी यही बात है. अगर आपकी ईवी के छह महीने से ज्यादा समय हो गए हैं, तो उसकी क्वालिटी चेक कराएं. इसके अलावा समय-समय पर इलेक्ट्रिक व्हीकल की सर्विसिंग जरूर कराएं.

 

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