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दुनिया को भारत ने दिया ‘ऑटो-रिक्शा’, अब इन देशों को करता है सप्लाई!

देश आज 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है, इस बार ऑटो-रिक्शा चलाने वालों के लिए राजपथ पर परेड देखने के अलग इंतजाम किए गए हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस ऑटो-रिक्शा से आपकी-हमारी कई यादें जुड़ी हैं, असल में दुनिया को भारत की ये अनूठी देन है.

बजाज लाई थी देश का पहला ऑटो-रिक्शा बजाज लाई थी देश का पहला ऑटो-रिक्शा
शरद अग्रवाल
  • नई दिल्ली,
  • 26 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 5:27 PM IST
  • Bajaj लाया देश का पहला ऑटो-रिक्शा
  • पहला ऑटो-रिक्शा बना जापान में!

देश आज 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है, इस बार ऑटो-रिक्शा चलाने वालों के लिए राजपथ पर परेड देखने के अलग इंतजाम किए गए हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस ऑटो-रिक्शा से आपकी-हमारी कई यादें जुड़ी हैं, असल में दुनिया को भारत की ये अनूठी देन है.

पहला ऑटो-रिक्शा बना जापान में!

अगर आप ऑटो-रिक्शा के इतिहास को खंगालने जाएंगे तो 1886 के जर्मनी तक पहुंच जाएंगे, जब Benz ने एक ट्राइसाइकिल में मोटर फिट कर पेटेंट के लिए एप्लाई किया. लेकिन इस बारे में जापान का दावा ज्यादा मजबूत लगता है, जब 1931 में Mazda ने एक 3-व्हीलर ओपन ट्रक मार्केट में उतारा. लेकिन असल में ये एक मॉडिफाइड बाइक ही थी जिसका इस्तेमाल लोडिंग में होता था.

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Mazda का 3-व्हीलर (Photo : Mazda)

दुनिया को भारत ने दिया ‘ऑटो-रिक्शा’

दुनिया को ‘ऑटो-रिक्शा’ शब्द भारत की देन है. वर्ष 1947 में भारत को अंग्रेजों से आजादी मिली और कई उद्योगपतियों ने देश को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने की दिशा में काम करना शुरू किया. इन्हीं में से एक थे Force Motors के फाउंडर N. K. Firodia जिन्होंने मोटर से चलने वाले रिक्शा के लिए ‘ऑटो-रिक्शा’ शब्द को गढ़ा.  अब ये शब्द Oxford Dictionary तक में शामिल हो चुका है.

जवाहरलाल नेहरू, एन. के. फिरोडिया के साथ (Photo : Force Motors)

वर्ष 1948 में फिरोडिया ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को अपना ऑटो-रिक्शा दिखाया. फिरोडिया ने इसके लिए उस समय बछराज ट्रेडिंग कारपोरेशन के साथ जॉइंट वेंचर बनाया था, बाद में यही कंपनी Bajaj Auto नाम से पहचानी गई.

Bajaj लाई देश का पहला ऑटो-रिक्शा

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भारतीय बाजार में पहला ऑटो-रिक्शा बजाज ऑटो ने 1948 में उतारा. उस समय देश में उत्पादन के लिए लाइसेंस लेना होता था और बजाज ऑटो सालाना 1,000 ऑटो-रिक्शा बनाने का लाइसेंस मिला था. लेकिन बजाज के ऑटो-रिक्शा ने टैक्सी और हाथ-रिक्शा के बीच की जगह को भरा और आज ये शहरी यातायात का सबसे जरूरी अंग है.

बजाज ऑटो दुनिया की सबसे बड़ी ऑटो-रिक्शा निर्यातक

दुनियाभर में भारत के ऑटो-रिक्शा की डिमांड

भारत में बजाज के अलावा TVS Motor Company, Atul Auto और  Mahindra & Mahindra ऑटो-रिक्शा बनाने वाली प्रमुख कंपनियां हैं. भारतीय उपमहाद्वीप के देशों के अलावा दक्षिण पूर्वी एशियाई, अफ्रीकी और उष्ण कटिबंधीय देशों में इसकी बहुत मांग हैं. वहां इसे अलग-अलग नाम जैसे कि टुक-टुक, बेबी टैक्सी और बाओ-बाओ नाम से पुकारा जाता है.

भारत की Bajaj Auto दुनिया की सबसे बड़ी ऑटो-रिक्शा एक्सपोर्ट कंपनी है. कंपनी घाना, चाड, केन्या, नाइजीरिया, श्रीलंका, सूडान, सोमालिया, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, कोंगो, इथियोपिया, इक्वाडोर, अल-सल्वाडोर, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में अपने ऑटो-रिक्शा का निर्यात करती है.

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