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दुनिया के ऑटोमोबाइल बाजार में पिछले कुछ दिनों से एक बड़ी चर्चा हो रही थी. जापानी दिग्गज कार कंपनियां निसान, होंडा और मित्सुबिशी के बीच मर्जर की ख़बरें आ रही थीं. आखिरकार सभी अटकलों को विराम देते हुए इन तीनों कंपनियों ने एक साथ आने का ऐलान करते हुए एक ज्वाइंट होल्डिंग कंपनी के लिए MoU साइन किया है. निसान और होंडा का लक्ष्य एक साथ मिलकर सबसे बड़ी कार कंपनी बनाने का है.
जापानी वाहन निर्माता होंडा मोटर कंपनी और निसान मोटर कंपनी लिमिटेड ने मित्सुबिशी मोटर्स के साथ मिलकर सोमवार को घोषणा की कि उन्होंने संभावित विलय पर चर्चा शुरू करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए हैं. इस प्रस्तावित विलय में एक ज्वाइंट होल्डिंग कंपनी की शुरुआत करने की योजना शामिल हैं. जिसे इलेक्ट्रिक व्हीकल सेग्मेंट में टेस्ला और चीनी कार कंपनी बिल्ड योर ड्रीम (BYD) जैसे प्रतिद्वंदियों से मुकाबला करने की योजना के तौर पर देखा जा रहा है.
30 ट्रिलियन येन का टार्गेट:
कंपनी का कहना है कि, इस विलय का लक्ष्य 30 ट्रिलियन येन (लगभग 16.30 लाख करोड़ रुपये) की वार्षिक बिक्री और 3 ट्रिलियन येन (1.62 लाख करोड़ रुपये) से अधिक का ऑपरेटिंग प्रॉफिट प्राप्त करना है. ये तीनों कंपनियां आगामी जून 2025 तक चर्चाओं को अंतिम रूप देने की योजना बना रही हैं. ऐसा माना जा रहा है कि ये होल्डिंग कंपनी के अगस्त 2026 तक चालू हो सकती है. होल्डिंग कंपनी की शुरुआत के साथ ही होंडा और निसान दोनों के शेयरों को जुलाई और अगस्त 2026 के अंत में डीलिस्ट किया जाएगा, जिसे बाद में स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट करने की योजना है.
होंडा, निसान और मित्सुबिशी मिलकर प्रतिवर्ष लगभग 8 मिलियन वाहनों का उत्पादन करेंगे, जिससे वे टोयोटा मोटर कॉर्पोरेशन और वोक्सवैगन एजी जैसी ग्लोबल दिग्गजों को टक्कर देने में सक्षम होंगे. इस ज्वाइंट वेंचर में होंडा का प्रभाव सबसे ज्यादा देखने को मिलेगा क्योंकि वो इस साझेदारी की सबसे बड़ी कंपनी है. दूसरी ओर निसान की डूबती नैया को एक बड़ा सहारा मिलने की उम्मीद है.
नई तकनीक पर होगा काम:
अस्तित्व में आने के बाद ये ज्वाइंट होंल्डिंग कंपनी दुनिया के ऑटोमोबाइल बाजार को एक नया रूख देगी. जहां नंबर एक और दो की पोजिशन पर टोयोटा और फॉक्सवैगन मौजूद हैं वहां होंडा-निसान को अपनी उपस्थिति मजबूत करने का मौका मिलेगा. इस ज्वाइंट वेंचर के तहत नई तकनीकी, व्हीकल प्लेटफॉर्म और डिजाइन पर काम किया जाएगा.
चूंकि रिसर्च, डेवलपमेंट और ऑपरेशन एक साथ मिलकर किए जाएंगे तो इससे कम लागत में वाहनों के निर्माण की भी सुविधा मिलेगी. जिसका असर न केवल वाहनों की कीमतों पर देखने को मिलेगा बल्कि इसका मुनाफे में इजाफा होने की पूरी उम्मीद है. नई तकनीक के साथ नेक्स्ट जेनरेशन सॉफ्टवेयर डिफाइंड व्हीकल्स (SDV's) पर भी काम किया जाएगा.
निसान और होंडा ने संयुक्त शेयर हस्तांतरण के माध्यम से एक ज्वाइंट होल्डिंग कंपनी शुरू करने की अपनी योजना का ऐलान किया है. जो दोनों कंपनियों की मूल कंपनी होगी. यह प्रत्येक कंपनी के शेयरधारकों की आम बैठक के बाद तय किया जाएगा. इसके लिए कंपनी संबंधित अधिकारियों से बातचीत करेगी और उनसे परमिशन लेगी. इसके लिए कंपनियों ने एक टाइमलाइन की योजना भी जारी किया है.
इवेंट | तारीख (योजनाबद्ध) |
बिजनेस इंटीग्रेशन से संबंधित समझौते का एक्जीक्यूशन | जून 2025 |
कंपनियों के शेयरधारकों की बैठक | अप्रैल 2026 |
TSE से डीलिस्टिंग | अगस्त 2026 |
शेयर ट्रांसफर | अगस्त 2026 |
निसान के निदेशक, अध्यक्ष और सीईओ मकोतो उचिदा ने कहा: "होंडा और निसान ने एक बिजनेस इंटीग्रेशन पर विचार करना शुरू कर दिया है, और दोनों कंपनियों के बीच कई एरिया में तालमेल पर रिसर्च किया जाएगा. हम उम्मीद करते हैं कि अगर यह योजना सफल होगी."
वहीं होंडा के निदेशक तोशीहिरो मिबे ने कहा "ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में परिवर्तन के इस समय में, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह हर 100 साल में एक बार होता है, हमें उम्मीद है कि निसान और होंडा के बिजनेस इंटीग्रेशन में मित्सुबिशी मोटर्स की भागीदारी से बड़ा बल मिलेगा. इसके अलावा हम एक मजबूत ज्वाइंट वेंचर शुरू करने में सफल होंगे."
मित्सुबिशी मोटर्स के निदेशक, प्रेसिडेंट एवं सीईओ ताकाओ काटो ने कहा "ऑटोमोटिव इंडस्ट्री में बदलाव के इस दौर में निसान और होंडा के बीच बिजनेस इंटीग्रेशन के सफल होने की पूरी उम्मीद है. इससे मित्सुबिशी मोटर्स के साथ सहयोगी व्यवसायों को भी लाभ मिलेगा."