
हुंडई मोटर कंपनी और किआ कॉरपोरेशन ने 'एक्टिव एयर स्कर्ट' (Active Air Skirt) तकनीक को पेश किया है. जिसके बारे में उनका कहना है कि यह हाई-स्पीड ड्राइविंग के दौरान उत्पन्न होने वाली एयरोडायनमिक प्रतिरोध को कम करती है, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की ड्राइविंग रेंज और ड्राइविंग स्टेबिलिटी में प्रभावी ढंग से सुधार होता है.
AAS एक ऐसी तकनीक है जो बम्पर के निचले हिस्से से प्रवेश करने वाली हवा के प्रवाह को नियंत्रित करती है और हाई-स्पीड ड्राइविंग के दौरान वाहन की गति के अनुसार परिवर्तनीय रूप से संचालित करके वाहन के पहियों के आसपास उत्पन्न टर्बुलेंस को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करती है. इलेक्ट्रिफाइड होते ऑटो सेक्टर में जहां ज्यादा ड्राइविंग रेंज प्रदान करने को लेकर प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है वहीं वाहनों और उनके एयरोडायनमिकी (Aerodynamics) को लेकर भी चिंता बढ़ी है.
बता दें कि, एयरोडायनमिकी का न केवल रेंज पर बल्कि ड्राइविंग स्टैबिलिटी और हवा के शोर पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है. इसी को लेकर दुनिया भर की वाहन निर्माता कंपनियां इस दिशा में लगातार कम कर रही हैं, ताकि वाहनों में ड्रैग गुणांक यानी कि कोइफिशिएंट ऑफ ड्रैग (cD) को कम किया जा सके. जो कि वाहन की गति की विपरीत दिशा में कार्य करने वाली हवा का प्रतिरोध गुणांक होता है.
कैसे काम करती है AAS तकनीक:
हुंडई-किआ की 'एक्टिव एयर स्कर्ट' सिस्टम को सामने वाले बम्पर और वाहन के अगले पहियों के बीच लगाया जाएगा. हालांकि सामान्य रफ्तार के दौरान यह दिखाई नहीं देता है, लेकिन जब स्पीड 80 किमी प्रति घंटे से अधिक की होगी तब यह सिस्टम एक्टिव होता है. हाई-स्पीड में जब एयरोडायनमिकी रेजिस्टेंस रोलिंग रेजिस्टेंस से अधिक हो जाता है तब यह सिस्टम 70 किमी प्रति घंटे पर फिर से स्टोर होता है.
कंपनी का कहना है कि AAS तकनीक 200 किमी प्रति घंटे से अधिक की स्पीड पर भी काम कर सकता है. क्योंकि निचले हिस्से में रबर मैटेरियल का इस्तेमाल किया गया है जो कि हाई स्पीड के दौरान किसी भी तरह के एक्सटर्नल ऑब्जेक्ट के टकराने से होने वाली नुकसान के रिस्क को कम करता है.
टेस्टिंग और रेंज में सुधार:
हुंडई मोटर और किआ ने घोषणा की कि उन्होंने जेनेसिस जीवी60 में AAS तकनीक को इंस्टॉल कर के ड्रैग गुणांक (cD) की टेस्टिंग की है. इस दौरान ड्रैग गुणांक को 0.008 तक कम कर दिया है, जिससे ड्रैग में 2.8 प्रतिशत का सुधार हुआ है. यह एक ऐसा आंकड़ा है जिससे लगभग 6 किमी के अतिरिक्त रेंज सुधार की उम्मीद की जा सकती है.