
उत्तर प्रदेश के कानपुर में बीते दिनों एक व्यक्ति ने महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा सहित 13 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी. उक्त व्यक्ति का कहना है कि, उसने अपने बेटे को Mahindra Scorpio गिफ्ट की थी और जनवरी 2022 में एक सड़क दुर्घटना में उनके बेटे की मौत हो गई. इस मामले में उन्होनें आनंद महिंद्रा सहित कंपनी के 12 अन्य कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी करने का अरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करवाई थी. अब इस मामले में महिंद्रा की तरफ से आधिकारिक बयान जारी किया गया है.
क्या है पूरा मामला:
पुलिस के मुताबिक पीड़ित राजेश ने अपनी शिकायत में बताया है कि उन्होंने अपने इकलौते बेटे अपूर्व मिश्रा को स्कॉर्पियो गाड़ी गिफ्ट की थी. अपूर्व इस गाड़ी से ही 14 जनवरी 2022 को अपने दोस्तों के साथ लखनऊ से कानपुर लौट रहा था. उस वक्त कोहरे के कारण उनकी गाड़ी डिवाइडर से टकरा गई और इस हादसे में अपूर्व की मौत हो गई थी.
बताया गया है कि, इस हादसे के बाद पीड़ित ने जहां से एसयूवी खरीदी थी, यानी कि तिरूपति ऑटोमोबाइल्स से संपर्क किया. वो बीते 29 जनवरी 2022 को इस एसयूवी को लेकर शोरूम पहुंचे और कार की खामियों के बारे में बताया. उन्होंने आरोप लगाया कि सीट बेल्ट लगे होने के बावजूद एयरबैग नहीं खुला और उन्हें धोखाधड़ी से यह कार बेची गई. पीड़ित राजेश ने कहा कि अगर गाड़ी की सही से जांच की गयी होती तो उनके बेटे की मौत नहीं होती.
आनंद महिंद्रा पर FIR:
राजेश के शिकायत के बाद महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा समेत 12 अन्य व्यक्तियों के खिलाफ कानपुर के रायपुरवा थाने में FIR (प्रथम सूचना रिपोर्ट) दर्ज की गई है. इस FIR में महिंद्रा वाहनों की सुरक्षा सुविधाओं के संबंध में "झूठे आश्वासन" का आरोप लगाया गया. शिकायतकर्ता राजेश मिश्रा, (दिवंगत डॉ. अपूर्व मिश्रा के पिता) ने आरोप लगाया कि, हादसे के वक्त उनके बेटे ने सीट-बेल्ट पहना था लेकिन कार में एयरबैग डिप्लॉय नहीं हुआ, जिसके चलते उनके बेटे की मौत हो गई.
एफआईआर में, राजेश मिश्रा ने दावा किया कि उन्होंने महिंद्रा द्वारा प्रचारित विज्ञापनों और सोशल मीडिया पोस्टों द्वारा प्रचारित सेफ्टी फीचर्स से आश्वस्त होने के बाद 17.40 लाख रुपये की एक ब्लैक स्कॉर्पियो खरीदी थी. उन्होंने यह कार अपने बेटे अपूर्व मिश्रा को उपहार में दी थी, जिसकी कथित तौर पर एक कार दुर्घटना में मौत हो गई थी, क्योंकि कार में लगाए जाने वाले एयरबैग खुल नहीं पाए थें.
कंपनी का क्या है कहना:
इस मामले के बाद महिंद्रा एंड महिंद्रा ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि, "यह मामला 18 महीने से अधिक पुराना है, और रिपोर्ट की गई घटना जनवरी 2022 में हुई थी. वाहन में एयरबैग नहीं होने के आरोपों पर टिप्पणी करते हुए, कंपनी ने कहा, "हम स्पष्ट रूप से बताना चाहेंगे और पुनः पुष्टि करें कि 2020 में निर्मित स्कॉर्पियो S9 वैरिएंट में एयरबैग थें". इसमें कहा गया है कि महिंद्रा एंड महिंद्रा ने इस मामले की जांच की है और एयरबैग में कोई खराबी नहीं पाई गई है.
... रोलओरवर केस है ये:
कंपनी ने अपने बयान में कहा कि, "यह एक रोलओवर केस था, जिसके चलते फ्रंट एयरबैग डिप्लॉय (खुलता) नहीं होता है. कंपनी ने यह भी कहा कि, इस घटना में महिंद्रा एंड महिंद्रा अक्टूबर 2022 में विस्तृत तकनीकी जांच की थी. कंपनी ने कहा कि मामला वर्तमान में विचाराधीन है, और वह "किसी भी आगे की जांच के लिए अधिकारियों के साथ सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं".
क्या होता है रोलओवर:
बता दें कि, रोलओवर एक तरह के एक्सीडेंट का ही प्रकार होता है. इसमें हादसे के वक्त वाहन सड़क पर किसी ऑब्जेक्ट या वाहन से टकराकर सड़क पर पलटती हुई कुछ दूर तक जाती है. यहां यह ध्यान देना जरूरी है कि, आमतौर पर व्हीकल रोलओवर को दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है, एक है ट्रिप्ड और दूसरा अनट्रिप्ड. ट्रिप्ड रोलओवर किसी बाहरी ऑब्जेक्ट जैसे डिवाइडर या किसी अन्य वाहन से टकराव के कारण होता है. वहीं अनट्रिप्ड रोलओवर स्टीयरिंग इनपुट, स्पीड और जमीन के साथ घर्षण के कारण होता है.