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Maruti की इस छोटी कार को अब मिली 3-स्टार सेफ्टी रेटिंग, पहले थी Zero

दो साल पहले ग्लोबल एनसीएपी ने मारुति की इस कार के दक्षिण अफ्रीका के बाजार में बिकने वाले मॉडल का क्रैश टेस्ट किया था. तब इसे Zero Safety Rating मिली थी. इसके बाद मारुति ने दावा किया कि उसकी कार सभी सेफ्टी स्टैंडर्ड का पालन करती है, तब रेटिंग एजेंसी ने इस कार के मेड इन इंडिया मॉडल का क्रैश टेस्ट किया.

मारुति की कार को मिली 3-स्टार सेफ्टी रेटिंग मारुति की कार को मिली 3-स्टार सेफ्टी रेटिंग
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 जून 2022,
  • अपडेटेड 11:32 AM IST
  • व्यस्क कैटेगरी में मिली 3-स्टार सेफ्टी रेटिंग
  • बच्चों की कैटेगरी में 2-स्टार है सेफ्टी रेटिंग

देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया की एक हैचबैक कार को अब 3-स्टार सेफ्टी रेटिंग मिली है, जबकि दो साल पहले कंपनी की इसी कार को Zero सेफ्टी रेटिंग मिली थी. सेफ्टी रेटिंग एजेंसी Global NCAP ने इस कार के लेटेस्ट क्रैश टेस्ट की रिपोर्ट शेयर की है.

Maruti S-Presso की सेफ्टी रेटिंग
ग्लोबल एनसीएपी ने बुधवार को Maruri S-Presso के क्रैश टेस्ट का रिजल्ट अनाउंस किया. इस टेस्ट में एस-प्रेसो को 3-स्टार सेफ्टी रेटिंग मिली है. एस-प्रेसो का ये क्रैश टेस्ट करीब दो साल बाद हुआ है.

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दो साल पहले ग्लोबल एनसीएपी ने दक्षिण अफ्रीका के बाजार में बिकने वाली मारुति एस-प्रेसो का क्रैश टेस्ट किया था. तब इस गाड़ी को Zero Safety Rating मिली थी. इसके बाद मारुति ने दावा किया कि उसकी एस-प्रेसो कार सभी सेफ्टी स्टैंडर्ड का पालन करती है, तब रेटिंग एजेंसी ने S-Presso के मेड इन इंडिया मॉडल का क्रैश टेस्ट किया.

बच्चों के लिहाज से इतनी सेफ है S-Presso
ग्लोबल एनसीएपी के क्रैश टेस्ट में मारुति एस-प्रेसो को व्यस्कों की सेफ्टी के लिहाज से 3-स्टार रेटिंग मिली है, जबकि बच्चों की कैटेगरी में इस कार को 2-स्टार सेफ्टी रेटिंग मिली है. इस क्रैश टेस्ट में मारुति एस-प्रेसो को 64 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाया गया और टक्कर मारी गई.

दो एयरबैग की सेफ्टी के साथ ये कार ड्राइवर और फ्रंट को-पैसेंजर के सिर और गर्दन को पर्याप्त सुरक्षा देती है. वहीं ड्राइवर के सीने को कमजोर सुरक्षा, जबकि घुटनों को मामूली सुरक्षा प्रदान करती है. वहीं बच्चों के लिहाज से ये कार सिर के लिए खराब सुरक्षा, जबकि सीने के लिए कमजोर सुरक्षा प्रदान करती है.

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ग्लोबल एनसीएपी के महासचिव आलियांद्रो फ्यूरस का कहना है कि इंडियन मार्केट में मिलने वाली एस-प्रेसो की सेफ्टी में 
सुधार हुआ है. जबकि बच्चों की सुरक्षा के मामले में ये पहले की तरह है. वहीं छह एयरबैग के मानक को उन्होंने एक स्वागत योग्य कदम बताया है.

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