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Diesel गाड़ियों पर 10% लग सकता है अतिरिक्त GST! जानिए नितिन गडकरी ने क्यों कहा ऐसा

गडकरी ने कहा कि, वो ऑटोमोबाइल कंपनियों को डीजल वाहनों के निर्माण को कम करने के लिए डीजल से चलने वाले वाहनों पर 10% अतिरिक्त वस्तु एवं सेवा कर (GST) का प्रस्ताव कर रहे हैं.

63वें सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) कन्वेंशन में बोलते हुए, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी 63वें सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) कन्वेंशन में बोलते हुए, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 2:22 PM IST

63वें सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) कन्वेंशन में बोलते हुए, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि, वो केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से डीजल इंजन/वाहनों पर अतिरिक्त 10 प्रतिशत GST लगाने का अनुरोध करने की योजना बना रहे हैं. डीजल वाहन सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं, और सरकार चाहती है कि सड़क पर इनकी संख्या कम से कम हो. 

उन्होनें कहा कि, "मैंने पिछले 10-15 दिन से एक पत्र तैयार रखा है, जिसे मैं आज शाम को वित्त मंत्री को सौंपूंगा, जिसमें डीजल वाहनों और डीजल से चलने वाले सभी इंजनों पर अतिरिक्त 10% जीएसटी लगाने का प्रस्ताव है." हालांकि यहां यह ध्यान देना जरूरी है कि, ऐसा कोई भी प्रस्ताव अभी सक्रिय नहीं है.

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गडकरी ने कहा कि, वो ऑटोमोबाइल कंपनियों को डीजल वाहनों के निर्माण को कम करने के लिए डीजल से चलने वाले वाहनों पर 10% अतिरिक्त वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का प्रस्ताव कर रहे हैं. ताकि डीजल वाहनों का निर्माण कम हो और इससे होने वाले प्रदूषण पर लगाम लगाई जा सके. सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के अनुसार, नितिन गडकरी ने ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को स्वयं ही इस बारे में सोचने को कहा है. 

नितिन गडकरी ने कहा कि, ऑटो इंडस्ट्री को स्वत: ही डीजल वाहनों से होने वाले प्रदूषण को संज्ञान में लेकर आगे बढ़ना चाहिए. अन्यथा सरकार के पास डीजल ऐसी परिस्थितियां पैदा करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं होगा, जिससे वो स्वयं ही मजबूर हो जाएंगे. उन्होंने कहा, 'जितनी जल्दी हो सके ऑटो इंडस्ट्री डीजल इंजन वाहनों को अलविदा कहे और स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई करें, नहीं तो हमारे पास टैक्स बढ़ाने के अलावा दूसरा रास्ता नहीं होगा.

उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों में डीजल कार की हिस्सेदारी 2014 में 335 से घटकर अब 28% हो गई है. उन्होंने डीजल इंजनों से पर्यावरण को होने वाले नुकसान के बारे में बताया साथ ही प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन पर अंकुश लगाने की बात कही. सरकार को उम्मीद है कि, डीजल वाहनों पर टैक्स लगाए बढ़ाए जाने से इनका निर्माण और बिक्री कम होगी, जिससे प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी. 

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हालांकि इस कार्यक्रम में बोलने के बाद नितिन गडकरी के ऑफिशियल एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से पोस्ट किया गया कि, "डीजल वाहनों की बिक्री पर 10% अतिरिक्त जीएसटी के मामले में यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि सरकार द्वारा वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव पर विचार नहीं किया जा रहा है. 2070 तक कार्बन नेट ज़ीरो हासिल करने और डीजल जैसे खतरनाक ईंधन के कारण होने वाले वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के साथ-साथ ऑटोमोबाइल बिक्री में तेजी से वृद्धि के लिए हमारी प्रतिबद्धताओं के अनुरूप, सक्रिय रूप से स्वच्छ और हरित वैकल्पिक ईंधन को अपनाना जरूरी है. ये ईंधन आयात के विकल्प, लागत प्रभावी, स्वदेशी और प्रदूषण मुक्त होने चाहिए.

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