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इलेक्ट्रिक कार मालिकों को झटका! पब्लिक चार्जिंग स्टेशन पर EV चार्ज करने पर GST में नहीं मिलेगी छूट

GST on Electric Vehicle Charging: इंडस्ट्री ने मांग की थी कि पब्लिक में चार्जिंग स्टेशनों पर इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने की फीस में शामिल जीएसटी दर में छूट दी जाए. लेकिन राज्य और केंद्र के राजस्व अधिकारियों के जीएसटी पैनल ने छूट की मांग को खारिज कर दिया है.

Electric Car Charging. Electric Car Charging.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:42 AM IST

इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग को बढ़ावा देने के देने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है. लेकिन कुछ ऐसे नियम और कानून भी हैं जो इलेक्ट्रिक कार मालिकों को खटकते रहते हैं. यदि आप भी एक इलेक्ट्रिक कार मालिक हैं और ज्यादातर अपनी कार को पब्लिक चार्जिंग स्टेशन पर चार्ज करते हैं तो यह ख़बर आपके लिए बेहद जरूरी है.

दरअसल, जीएसटी पैनल की फिटमेंट कमेटी द्वारा सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों पर इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की चार्जिंग पर 18% जीएसटी लगाने के फैसले को बरकरार रखा है, और छूट की मांग को खारिज कर दिया है. इस पैनल में राज्य और केंद्र के राजस्व अधिकारी शामिल थें.

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इंडस्ट्री का यह मानना था कि पब्लिक चार्जिंग स्टेशन पर इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के शुल्क पर जो 18 फीसदी जीएसटी लगाई जाती है वो दोहरी प्रकृति को उजागर करती है. इसके पीछे तर्क दिया गया है कि, इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई नोटिफिकेशन नंबर ( 2/2017-CTR) के अनुसार GST से मुक्त है. इसके अलावा इलेक्ट्रिसिटी के ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन संबंधी सर्विसेज को भी नोटिफिकेशन नंबर (12/2017-CTR) के तहत जीएसटी में छूट दी गई है. इंडस्ट्री की मांग है कि यही छूट इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने में इस्तेमाल होने वाली इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई पर भी दी जानी चाहिए.

हालांकि, कर्नाटक अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग ने हाल ही में फैसला सुनाया था कि सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों पर बैटरी चार्ज करने की प्रक्रिया 18% जीएसटी के अधीन आती है. कर्नाटक एएआर के फैसले ने इस बात पर जोर दिया कि ईवी चार्जिंग स्टेशनों पर प्रदान की जाने वाली सेवा में केवल बिजली की आपूर्ति ही शामिल नहीं है. इसमें चार्जिंग के लिए आवश्यक फेसिलिटी और सर्विसेज का भी प्रावधान शामिल है, जो पूरी तरह से चार्ज की गई राशि पर जीएसटी लगाने को उचित ठहराता है.

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विद्युत मंत्रालय ने पहले स्पष्ट किया था कि इलेक्ट्रिक वाहन की बैटरी चार्ज करना एक ऐसी सेवा है जिसमें बिजली की खपत होती है लेकिन यह बिजली की बिक्री नहीं है. यह अंतर मौजूदा जीएसटी दर को बनाए रखने के निर्णय में एक महत्वपूर्ण कारक था. नतीजतन, इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों को पब्लिक चार्जिंग स्टेशनों पर चार्ज की गई कुल राशि पर 18% जीएसटी का भुगतान करना होगा.

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