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पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद से लेकर द्रौपदी मुर्मू तक! 74 साल में कितनी बदल गई देश के प्रेसिडेंट की ऑफिशियल कार

Indian President Official Car: देश के राष्ट्रपति की कार अत्याधुनिक तकनीक और फीचर्स से लैस होती है. ये एक बख्तरबंद कार है जिस पर गोली-बारी या किसी तरह के बम धमाकों तक का असर नहीं होता है. देश के पहले राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद से लेकर द्रौपदी मुर्मू तक भारत के राष्ट्रपति के आधिकार कार में बहुत बदलाव देखने को मिला है.

Indian President Official Car Indian President Official Car
अश्विन सत्यदेव
  • नई दिल्ली,
  • 27 जून 2024,
  • अपडेटेड 2:39 PM IST

18वीं लोकसभा का पहला सत्र जारी है और सभी नवनिर्वाचित सदस्य शपथ ले चुके हैं. आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के लिए संसद पहुंची. जहां राष्ट्रपति का अभिभाषण हुआ और यहां पर उन्होनें अगले 5 सालों के लिए नई सरकार के रोडमैप की रूपरेखा पेश किया. इस सभा को संबोधित करने के लिए द्रौपदी मुर्मू अपने आधिकारिक कार मर्सिडीज़-बेंज एस600 पुलमैन गार्ड से पहुंची थीं.  

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कैसी है राष्ट्रपति की कार: 

भारत की पंद्रहवी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ऑफिशियल कार मर्सिडीज़-बेंज एस600 पुलमैन गार्ड बेहद ही ख़ास है. ये एक एक्सप्लोसिव रेजिस्टेंट व्हीकल है. जो 2010-लेवल और VR9-लेवल की सेफ्टी से लैस है. इस बख़्तरबंद लग्ज़री सैलून कार पर बड़े-बड़े बम धमाकों को झेलने की शक्ति है. रिपोर्ट् के अनुसार ये कार 15 किग्रा TNT और तकरीबन 2 मीटर की दूरी से AK-47 जैसे ऑटोमेटिक रॉयफल की गोलीबार को भी झेल सकता है. इतना ही नहीं इस कार के ग्लॉस इतने मजबूत है कि, 7.62x51 मिमी की गोली भी इसे भेद नहीं सकती है.

मिलते ये ख़ास फीचर्स:

मर्सिडीज़-बेंज द्वारा तैयार की गई राष्ट्रपति की इस कार को कई अत्याधुनिक तकनीक और फीचर्स से लैस किया गया है. बताया जाता है कि, ये कार टायर के फटने के बाद भी कई किलोमीटर तक का सफर कर सकती है. इसके अलावा इसमें सेल्फ-सीलिंग फ्यूल टैंक और फायर एक्सटिंग्विशर सिस्टम भी दिया गया है. कार की बॉडी मजबूत स्टील से बनी है, जो किसी अभेद किले से कम नहीं है.

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खास नंबर प्लेट: 

बता दें कि, भारत के राष्ट्रपति की आधिकारिक कार पर नंबर प्लेट के उपर भारत का राष्ट्रीय चिन्ह यानी 'अशोक स्तंभ' अंकित होता है. ये इस बात का सूचक है कि, ये देश के राष्ट्रपति की ऑफिशियल कार है. द्रौपदी मुर्मू से पूर्व देश के चौदहवें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी इसी कार में सफर करते थें. देश के गणतंत्र बनने और पहले राष्ट्रपति चुने जाने के बाद, पिछले 74 सालों में इंडियन प्रेसिडेंट्स की ऑफिशियल कार में कई बड़े बदलाव देखे गए हैं.

कुछ यूं बदलती चली गई इंडियन प्रेसिंडेंट्स की ऑफिशयल कार: 

प्रतिभा पाटिल के समय अपग्रेड हुई कार: 

जुलाई 2007 में जब प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने देश के 12वें राष्ट्रपति के तौर पर पदभार संभाला था उस वक्त राष्ट्रपति के ऑफिशियल कार को आखिरी बार अपग्रेड किया गया था. उससे पूर्व मर्सिडीज़ बेंज एस-क्लॉस डब्ल्यू 140 राष्ट्रपति की ऑफिशियल कार थी. प्रतिभा पाटिल के समय एस-क्लॉस एस600 पुलमैन लिमोज़िन को राष्ट्रपति के आधिकारिक वाहन के तौर पर इस्तेमाल किया जाने लगा. इस नेक्स्ट जेनरेशन कार में कई अत्याधुनिक फीचर्स को शामिल किया गया.

इस कार में सफर करते थें अब्दुल कलाम:

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने साल 2002 से लेकर 2007 तक देश के 11वें राष्ट्रपति के तौर पर पदभार संभाला था. वो देश के सबसे लोकप्रिय राष्ट्रपतियों में से एक रहे हैं. उनके समय ही मर्सिडीज़ बेंज एस-क्लॉस डब्ल्यू 140 को ऑफिशियल प्रेसिडेंट कार के तौर पर शामिल किया गया था. हालांकि अब्दुल कलाम अपने टेन्योर के आखिरी समय यानी कि 2007 के आते-आते हिंदुस्तान एंबेसडर का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था.

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पहली बुलेट और ग्रेनेड प्रूफ कार: 

ये हम सभी जानते हैं कि, डा. राजेंद्र प्रसाद देश के पहले राष्ट्रपति थें. लेकिन देश के नौवें राष्ट्रपति डा. शंकर दयाल शर्मा (कार्यकाल 1992-1997) पहले ऐसे राष्ट्रपति थें जिन्होनें बुलेट और ग्रेनेड प्रूफ लिमोजिन कार का इस्तेमाल शुरू किया था. उस वक्त Mercedes-Benz W124 उनकी ऑफिशियल कार थी, ये एक बख्तरबंद कार थी जो पूरी तरह से बुलेट और ग्रेनेट प्रूफ थी. आगे चलकर इसी कार का इस्तेमाल देश के दसवें राष्ट्रपति के. आर. नारायणन (कार्यकाल: 1997-2002) द्वारा किया गया. 

भारत का गणतंत्र बनना:

77 साल पहले देश को आजादी मिली और 15 अगस्त 1947 को देश के स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है. लेकिन 74 साल पहले यानी 1950 तक भारत एक गणतंत्र के रूप में नहीं जाना गया जब तक कि, डॉ. बी.आर. अंबेडकर ने संविधान नहीं बनाया जिसने भारत को एक गणतंत्र में बदल दिया.
 

हम दुनिया के सबसे युवा लोकतंत्र हैं और यह संविधान ही है जो हमें हमारे अधिकार और ज़िम्मेदारियाँ देता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब तक राष्ट्रपति का चुनाव नहीं हो जाता, तब तक हमारे पास संविधान नहीं हो सकता था? डॉ. राजेंद्र प्रसाद 26 जनवरी, 1950 को भारत के पहले राष्ट्रपति चुने गए, जब स्वतंत्र भारत का संविधान बनाया गया.

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देश के पहले राष्ट्रपति की कार:

तत्कालीन सरकार ने कैडिलैक कंट्री कन्वर्टिबल का आयात किया, जो भारत में राष्ट्रपति की पहली कार थी. आधिकारिक राष्ट्रपति काफिले में शामिल होने के लिए इसे अमेरिका से आयात किया गया था. हालांकि इस बात का कोई डेटा नहीं है कि कार को बेड़े में कब शामिल किया गया था, लेकिन कंट्री कन्वर्टिबल का इस्तेमाल तब किया जाता था जब दूसरे देशों के राष्ट्राध्यक्ष आधिकारिक यात्राओं के लिए राष्ट्रीय राजधानी आते थें. बता दें कि, यह वह समय था जब घोड़ागाड़ी काफिले का बहुत बड़ा हिस्सा हुआ करती थी, इसलिए स्टेट कार्स का इस्तेमाल विशेष अवसरों पर किया जाता था. इसके अलावा, कन्वर्टिबल आमतौर पर कार्यक्रमों और परेड का हिस्सा भी होती थी.
 

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