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TATA ने भारत में शुरू किया 'हाइड्रोजन ट्रकों' का ट्रायल, नितिन गडकरी ने किया फ्लैग-ऑफ

Tata Hydrogen Truck: भारत में पहली बार हाइड्रोजन से चलने वाले ट्रक का ट्रायल रन शुरू हुआ है. सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और रिन्यूएबल एनर्जी मंत्री प्रहलाद जोशी ने ट्रायल रन को हरी झंडी दिखाई है. ये ट्रायल अगले 18 महीनों तक चलेगा.

Tata Motors Hydrogen Truck Tata Motors Hydrogen Truck
आशुतोष मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 04 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 3:55 PM IST

Tata Hydrogen Truck Trial Run: देश की प्रमुख वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स ने भारत में हाइड्रोजन से चलने वाले हैवी ट्रकों का परीक्षण शुरू किया है. जो टिकाऊ और लंबी दूरी के परिवहन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सरकारी अधिकारियों और टाटा मोटर्स के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में हाइड्रोजन ट्रक के टेस्टिंग को हरी झंडी दिखाई.

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राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत रिन्यूएबल एनर्जी मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित इस परीक्षण का उद्देश्य माल परिवहन के लिए हाइड्रोजन से चलने वाले वाहनों की व्यवहार्यता का मूल्यांकन करना है. टाटा मोटर्स को इस परियोजना के लिए टेंडर दिया गया है, जो हाइड्रोजन मोबिलिटी के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर के डेवलपमेंट में मदद करेगा.

16 हाइड्रोजन ट्रकों से टेस्टिंग:

हाइड्रोजन ट्रकों की ये टेस्टिंग 24 महीने तक चलेगी और इसमें अलग-अलग कॉन्फिगरेशन और पेलोड क्षमता वाले 16 हाइड्रोजन ट्रक शामिल होंगे. हाइड्रोजन आंतरिक दहन इंजन (H2-ICE) और फ्यूल सेल (H2-FCEV) तकनीकी से लैस इन वाहनों का परीक्षण मुंबई, पुणे, दिल्ली-एनसीआर, सूरत, वडोदरा, जमशेदपुर और कलिंगनगर सहित प्रमुख मालवाहक मार्गों पर किया जाएगा.

इस कार्यक्रम के दौरान सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि, "22 लाख करोड़ रुपये हर साल फ्यूल इंपोर्ट पर खर्च होता है साथ ही प्रदूषण भी भारी समस्या है. फ़िलहाल 16 हाइड्रोजन पावर गाड़ियों को ट्रायल अनुमति दी गई है ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के तहत इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के साथ ट्रायल रन शुरू होगा." 

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नितिन गडकरी ने कहा कि "हाइड्रोजन की वजह से हम ऊर्जा को आयात नहीं बल्कि ऊर्जा को निर्यात करने वाला देश बनेंगे. हम ग्रीन हाइड्रोजन बनाएंगे. पराली से हम बायो CNG से बना रहे हैं. पराली के बायोप्रोडक्ट से मीथेन बनाया जाएगा और उससे हाइड्रोजन भी बनाया जा सकेगा."

रिन्यूएबल उर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि “हाइड्रोजन एनर्जी सेक्टर का भविष्य है और मोबिलिटी में भी आगे भविष्य में हाइड्रोजन पर सिमट जाएगी. ग्रीन हाइड्रोजन स्पेस में भारत में जल्द ही दुनिया में नेतृत्व करेगा और भारत दुनिया में ग्रीन हाइड्रोजन का प्रमुख उत्पादक बनेगा. हाइड्रोजन स्टोरेज के लिए ढांचागत विकास पर ज़ोर दिया जा रहा है. इससे कार्बन उत्सर्जन पर भी नियंत्रण होगा. अंतरराष्ट्रीय पेट्रोलियम कीमतों पर निर्भरता भी कम हो जाएगी.”

बाजार में कब आएगा हाइड्रोजन ट्रक:

हालाँकि बाज़ार में यह ट्रक कब तक आएंगे ये ट्रॉयल रन और सफल परीक्षण पर निर्भर करेगा. टाटा मोटर्स के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर गिरीश वाघ बताते हैं कि, भारत सरकार के मिशन हाइड्रोजन परियोजना के तहत ट्रायल रन के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं. ट्रायल रन के दौरान इनकी क्षमताओं और इसके लिए जिस तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर की ज़रूरत होगी हम उसका आंकलन करेंगे. ये ट्रक भारी भरकम बोझ लेकर सड़कों पर दौड़ सकते हैं.

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इस ट्रायल रन के दौरान इन पर आने वाले ख़र्च का भी अंदाज़ा लगेगा. यानी 18 महीनों के ट्रायल रन के दौरान ये पता चल सकेगा कि भारत के ट्रांसपोर्टेशन बिजनेस के लिए यह हाइड्रोजन कितना फ़ायदेमंद और कारगर साबित होगा. ज़ाहिर है रिन्युअल एनर्जी के ज़रिए भारत न सिर्फ़ कार्बन उत्सर्जन को कम कर पाएगा बल्कि विदेशी मुद्रा भंडार जो तेल के आयात पर ख़र्च होता है उसमें भी बचत होगी. लेकिन सबसे ज़्यादा मदद होगी प्रदूषण के स्तर को कम करने की जिसके लिए हाइड्रोजन एक बेहतर पर्याय बन कर सामने आया है.

 

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