
आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यूनियन बजट पेश किया, और सबसे बड़ी राहत मिडिल-क्लॉस को आयकर के नए टैक्स स्लैब के तौर पर मिली. इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर भी सरकार ने वाहन निर्माताओं को एक बड़ी सौगात दी, और लिथियम-आयन बैटरियों पर कस्टम ड्यूटी को 21 प्रतिशत से घटाकर 13 प्रतिशत कर दिया. इससे इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत में निश्चित रूप से कमी देखने को मिलेगी. लेकिन इन सबके बीच इस बार आम बजट में कुछ ऐसा भी हुआ है जिससे भारत में एंट्री का सपना देख रही Elon Musk की कंपनी Tesla की राह में मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
बजट घोषणा के अनुसार, आयातित लग्जरी कारों (Imported Cars) पर कस्टम ड्यूटी को अब 10 प्रतिशत बढ़ा कर 70% कर दिया गया है, जो कि पहले 60% था. जाहिर है किसी भी वाहन निर्माता के लिए ये टैक्स भारी पड़ेंगे, क्योंकि इसका सीधा असर वाहन की कीमत पर पड़ता. इसी टैक्स पॉलिसी को लेकर Elon Musk कई बार सरकार से सवाल भी कर चुके हैं और उन्होनें इससे पूर्व टैक्स में कटौती करने की भी मांग की थी.
लेकिन इस बार के बज़ट में जिस तरह से इम्पोर्टेड कारों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाया गया है, उससे भारत में टेस्ला की राह और भी मुश्किल होती नज़र आ रही है. ऐसा नहीं है कि बजट में की गई इस घोषणा से केवल टेस्ला ही प्रभावित होगी बल्कि कई अन्य लग्ज़री वाहन निर्माता कंपनियां जो अपने वाहनों को कम्पलीट बिल्ट यूनिट (CBU) के तौर पर भारतीय बाजार में पेश करती है उन पर भी ये टैक्सा लागू होगा.
मर्सिडीज़ बेंज, ऑडी और लैम्बोर्गिनी जैसे कई लग्ज़री ब्रांड्स हैं जो अपने कुछ वाहनों को आयात कर भारत लाते हैं. इतना ही नहीं सेमी-नॉक्ड डाउन (SKD) रूट से लाए जाने वाले वाहनों पर कस्टम ड्यूटी को 30% से बढ़ाकर 35% कर दिया गया है. हाल ही में लॉन्च हुई जीप चेरोकी पर भी सीबीयू होने के कारण अब अधिक कस्टम ड्यूटी लगेगी.
Elon Musk ने की थी टैक्स में छूट की मांग:
बता दें कि, एलन मस्क ने एक बार सोशल नेटवर्किंग साइट Twitter (जिसके अब वो मालिक बन चुके हैं) पर अपने एक पोस्ट में यूजर को जवाब देते हुए कहा था कि, "वो भारत में अपनी टेस्ला की कारों को लॉन्च करने के लिए सरकार से संघर्ष कर रहे हैं." दरअसल, उक्त यूजर ने एलन मस्क से ट्वीटर पर पूछा था कि, "वो भारत में टेस्ला की कारों को कब लॉन्च कर रहे हैं."
वहीं सरकार ने एलन मस्क के "चुनौतियों" वाले दावों को खारिज कर दिया था, सूत्रों ने बिजनेस टुडे को बताया था कि मस्क सोशल मीडिया के माध्यम से एलन मस्क सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं और वो चाहते हैं कि देश में आयात शुल्क कम किया जाए. सूत्रों के हवाले से बिजनेस टुडे की रिपोर्ट में बताया गया कि, सरकार दबाव की रणनीति के आगे नहीं झुकेगी. उन्होंने कहा कि भारत में वर्तमान में ऑटोमोबाइल, विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक पीएलआई योजना है, जिसके तहत स्थानीय स्तर पर उत्पादन करने पर टेस्ला को लाभ मिलेगा. टेस्ला कारों के किट्स को ज़ीरो पर्सेंट ड्यूटी के साथ ला सकती है और उन्हें भारत में असेंबल कर सकती है.
नितिन गड़करी ने भी दिया था जवाब:
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी बीते साल दिसंबर महीने में आयोजित एजेंडा आजतक में बोलते हुए कहा था कि, "टेस्ला के बॉस एलन मस्क का भारत में स्वागत है, यदि वो अपने वाहनों का निर्माण हमारे देश में करते हैं. हालांकि, यह संभव नहीं होगा अगर वह चीन में निर्माण कर रहे हैं और भारत में केवल मार्केटिंग के लिए रियायत चाहते हैं." गड़करी ने कहा था कि, "अगर मस्क किसी भी भारतीय राज्य में अपना प्रोडक्शन प्लांट शुरू करते हैं और वाहनों का निर्माण करते है तो ही वह सभी रियायतों का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।"