
BH Series Registration: नौकरी के चलते लगातार एक जगह से दूसरे जगह ट्रांसफर होने वाले लोगों को कई समस्याओं से जूझना पड़ता है. इन समस्याओं में सबसे ज्यादा बड़ी है राज्य बदलने पर फिर से गाड़ी का रजिस्ट्रेशन (Vehicle Registration) बदलवाने की समस्या. भारत सरकार ने अंतत: इस समस्या का हल निकाल दिया है. अब बीएच सीरीज के नंबर प्लेट (BH Series Number Plate) और रजिस्ट्रेशन की शुरुआत की गई है, जिसे राज्य बदलने पर बदलवाने की जरूरत नहीं होगी.
राज्य बदलने पर नहीं होगा सिरदर्द
इसी शुरुआत पिछले साल की गई थी. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने तब बताया था कि यह सीरीज वैसे लोगों के लिए शुरू की जा रही है, जिनका काम के चलते अलग-अलग राज्यों में ट्रांसफर होता रहता है. केंद्र सरकार के कर्मचारियों खासकर डिफेंस सेक्टर के लोगों को इसमें खास तरजीह दी जाती है. मंत्रालय ने कहा था कि आज के समय में कामकाज की वजह से अक्सर लोगों को एक राज्य से दूसरे राज्य में शिफ्ट होना पड़ता है. ऐसे में नए राज्य में पहुंचने पर अपनी गाड़ी का नए सिरे से रजिस्ट्रेशन कराना काफी सिरदर्दी का काम है. अब लोगों को इस झंझट से राहत मिल रही है.
सीरीज के लिए इतना देना होगा चार्ज
इस नई सीरीज में 10 लाख रुपये से कम कीमत वाले वाहनों पर 8 फीसदी की दर से शुल्क का भुगतान कर BH सीरीज का नंबर हासिल किया जा सकता है. वाहन की कीमत 10 लाख से 20 लाख रुपये तक होने पर इस सीरीज के लिए 10 फीसदी की दर से शुल्क लगेगा. अगर वाहन की कीमत 20 लाख रुपये से ज्यादा हुई तो, बीएच सीरीज के लिए 12 फीसदी की दर से शुल्क का भुगतान करना होगा.
ये लोग भी उठा सकते हैं लाभ
इस BH-Series का लाभ राज्य सरकारी कर्मचारियों के अलावा निजी क्षेत्र की बड़ी कंपनियों के एम्प्लॉई भी उठा सकेंगे. प्राइवेट सेक्टर की जिन कंपनियों के ऑफिस 4 या उससे ज्यादा राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों में होंगे, उनके कर्मचारी इसका फायदा उठा सकते हैं. इस सीरीज का फॉर्मेट कुछ इस तरह से होगा, जिसमें नंबर प्लेट पर सबसे पहले साल लिखा होगा. इसके बाद भारत सीरीज का कोड BH लिखा होगा और फिर वाहन का नंबर रैंडम तरीके से दर्ज होगा.
इन झंझटों से मिलेगी मुक्ति
बीएच सीरीज की खास बात यह है कि इस सीरीज की गाड़ी को लेकर हिंदुस्तान के किसी भी कोने में सफर किया जा सकता है. नई जगह पर तबादला होने पर या फिर एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर नए सिरे से रजिस्ट्रेशन या एनओसी की जरूरत नहीं होगी. अभी किसी सीरीज के नंबर की गाड़ी दूसरे राज्य में चलाने के लिए एनओसी लेकर उसका नया रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है.