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इलेक्ट्रिक स्कूटर और बाइक्स हो जाएंगे और महंगे! सरकार ले सकती है यह बड़ा फैसला

इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की खरीदारी महंगी हो सकती है. बताया जा रहा है कि, इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए सब्सिडी को 40 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी किया जा सकता है. इसका सीधा असर इलेक्ट्रिक दोपहिया (Electric Two Wheelers) वाहनों की कीमत पर पड़ेगा.

सांकेतिक तस्वीर: Electric Scooter सांकेतिक तस्वीर: Electric Scooter
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 मई 2023,
  • अपडेटेड 1:36 PM IST

निकट भविष्य में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर खरीदने वालों को तगड़ा झटका ले सकता है. इलेक्ट्रिक स्कूटर से लेकर बाइक्स तक इन सभी खरीदारी महंगी होने वाली है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए सब्सिडी को 40 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी करने की योजना बनाई जा रही है. इसके लिए, भारी उद्योग मंत्रालय ने एक उच्च-स्तरीय अंतर-मंत्रालयी पैनल को एक सिफारिश भेजी है जो अंतिम निर्णय लेगा. यदि सब्सिडी को घटाने के फैसले पर आखिरी मुहर लग जाती है तो इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की कीमत बढ़ जाएगी. 

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इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए सब्सिडी को 40 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी किया जा सकता है. सरकार दोपहिया वाहनों के प्रसार को बढ़ाने के साथ-साथ उपलब्ध धन से अधिक वाहनों को फंडिंग करने के लिए ऐसा कर रही है. इसके अलावा, अनुपयोगी (जिस राशि का वितरण नहीं किया गया) पड़े तिपहिया वाहनों के लिए सब्सिडी आवंटन का हिस्सा दोपहिया वाहनों के लिए भी उपयोग किया जाएगा. यदि प्रस्ताव को हरी झंडी मिल जाती है, तो इसका सीधा असर इलेक्ट्रिक वाहन खरीदारों की जेब पर पड़ेगा और इससे प्रति यूनिट लागत में वृद्धि हो सकती है.
 
यह फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स इन इंडिया (फेम इंडिया) के तहत आता है, जो इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई 10,000 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने ईटी को बताया कि फेम इंडिया के दूसरे चरण के तहत इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए कुल फंड आवंटन इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहनों के लिए 1,000 करोड़ रुपये के अनुपयोगी फंड का उपयोग करके 3,500 करोड़ रुपये तक किए जाने की योजना है. 

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इस रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि, "ऐसा आवंटन बढ़ाकर और प्रति यूनिट सब्सिडी कम करके ही संभव होगा" इस संबंध में सिफारिशें फेम इंडिया की कार्यक्रम कार्यान्वयन और स्वीकृति समिति (PISC) को भेजी जाएंगी, जो इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय लेगी. अधिकारी ने कहा, 'अगर हम मौजूदा स्तर पर प्रति यूनिट सब्सिडी जारी रखते हैं, तो निर्धारित राशि बढ़ाने के बावजूद इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए उपलब्ध फंड अगले दो महीनों में समाप्त हो जाएगा.'

क्या घट जाएगी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की डिमांड? 

इस मामले में रिपोर्ट में अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि, सब्सिडी का प्रतिशत कम होने के बाद भी फरवरी 2024 तक 10 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को फेम इंडिया द्वारा सपोर्ट दिया जा सकता है. अधिकारियों को सरकार के इस फैसले से वाहनों की मांग पर असर पड़ने की उम्मीद नहीं है.

आज तक ने अभी तक स्वतंत्र रूप से इस रिपोर्ट की पुष्टि नहीं की है, इस ख़बर को उसी के अनुसार अपडेट किया जाएगा. 

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