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देश की सबसे बड़ी दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी हीरो मोटोकॉर्प (Hero MotoCorp) ने अप्रैल महीने से अपने वाहनों की कीमत में इजाफा करने की घोषणा की है. कंपनी ने एक विज्ञप्ति के माध्यम से जानकारी दी की, आगामी अप्रैल महीने से वाहनों की कीमत में तकरीबन 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाएगी. ये अलग-अलग मॉडलों पर निर्भर करेगा कि वाहनों की कीमत में कितना इजाफा देखने को मिलेगा.
कंपनी ने एक बयान में कहा कि कंपनी अपनी चुनिंदा मोटरसाइकिलों और स्कूटरों की एक्स-शोरूम कीमतों में 1 अप्रैल, 2023 से बढ़ोतरी करेगी. हीरो मोटोकॉर्प का कहना है कि प्रोडक्शन कॉस्ट बढ़ने के चलते वाहनों की कीमत में इजाफा किया जा रहा है. वाहनों की कीमत में लगभग 2 प्रतिशत का इजाफा होगा, हालांकि अभी इस बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की गई है कि किस मॉडल की कीमत में कितनी बढ़ोतरी होगी. हीरो मोटोकॉर्प ने कहा कि मुख्य रूप से ओबीडी 2 (ऑन-बोर्ड डायग्नोस्टिक्स) ट्रांजिशप के चलते लागत में वृद्धि के कारण मूल्य संशोधन की आवश्यकता हुई है.
क्या है नया नियम और OBD-2:
1 अप्रैल से, वाहनों में रीयल-टाइम ड्राइविंग उत्सर्जन स्तरों की निगरानी के लिए एक ऑन-बोर्ड स्व-निदान डिवाइस की आवश्यकता होगी. यह डिवाइस उत्प्रेरक कनवर्टर और ऑक्सीजन सेंसर जैसे उत्सर्जन मानकों को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण कंपोनेंट्स की लगातार निगरानी करेगा, ताकि वाहन से होने वाले उत्सर्जन पर पैनी नजर रखी जा सके. इस समय वाहन निर्माता कंपनियां अपने वाहनों को BS6 फेज-टू के लिए तैयार कर रही हैं, जिसे अगले महीने से लागू किया जाएगा.
सरकार ने 2020 में भारत स्टेज 6 या BS6 नॉर्म्स को लागू किया था. ऑटोमोटिव प्रदूषकों को और कम करने के लिए, सरकार अप्रैल 2023 से बीएस6 मानकों के दूसरे चरण को शुरू करने की योजना बना रही है, जो रियल ड्राइविंग एमिशन (आरडीई) नॉर्म्स के तहत लागू की जाएगी. भारत स्टेज नॉर्म्स का उद्देश्य वाहनों के उत्सर्जन को विनियमित करके पर्यावरण में सुधार करना है.
इसके तहत वाहनों से उत्सर्जित होने वाले कार्बन डाइऑक्साइड (CO2), कार्बन मोनोऑक्साइड (CO), हाइड्रोकार्बन और नाइट्रोजन के ऑक्साइड जैसी कुछ गैसों के उत्सर्जन पर निगरानी की जाती है. यूरो उत्सर्जन मानक के आधार पर, भारत स्टेज स्टैंडर्ड को पहली बार वर्ष 2000 में लॉन्च किया गया था. अब तक बाजार में BS6 वाहनों की बिक्री की अनुमति थी, अब सरकार इस उत्सर्जन मानकों को और भी सख्त करते हुए बीएस6 के दूसरे चरण की शुरुआत करने जा रही है. जिसके चलते वाहन निर्माताओं को अपने वाहनों में कुछ नए कंपोनेंट्स जोड़ने के साथ ही जरूरी बदलाव करने की आवश्यकता पड़ रही है.