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इस राज्य में 6 महीने के लिए बैन हुईं Ola की सेवाएं, जानिए क्यों

Karnataka government bans Ola Cabs कर्नाटक सरकार के परिवहन विभाग ने ऐप बेस्ड कैब सेवाएं उपलब्ध कराने वाली कंपनी ओला का लाइसेंस 6 महीने के लिए रद्द कर दिया है.

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aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 7:35 PM IST

ऐप बेस्ड कैब सर्विस उपलब्ध कराने वाली भारतीय कंपनी के कैब एग्रीगेटर लाइसेंस को कर्नाटक सरकार के परिवहन विभाग ने 6 महीने के लिए रद्द कर दिया गया है. आपको बता दें ओला भारत में कैब सर्विस में एक जाना पहचाना नाम है. बड़ी संख्या में लोग ओला की व्हीकल्स का इस्तेमाल करते हैं. ये कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि ओला ने डिपार्टमेंट से बिना इजाजत लिए बेंगलुरू में बाइक टैक्सी सर्विस की शुरुआत कर दी थी.

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ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने 18 मार्च को ओला को नोटिस जारी कर ऐप बेस्ड कैब्स को सस्पेंड करने के लिए कहा. हालांकि ओला बेंगलुरू में अपनी सेवाएं दे रही है, लेकिन आम दिनों की तुलना में शुक्रवार को कैब सेवाएं कम रहीं.

कर्नाटक के परिवहन विभाग ने M/s एनी टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, ओला कैब्स, बेंगलुरू को छह महीने के लिए निलंबित कर दिया है, यानी कर्नाटक राज्य भर में सड़कों पर ओला कैब का संचालन नहीं किया जाएगा.

कर्नाटक के परिवहन विभाग के नोटिस में बताया गया, 'इस साल की शुरुआत में, परिवहन विभाग के अधिकारियों ने कई बाइक जब्त की थीं जो ओला के लिए बाइक टैक्सी के रूप में चल रही थीं. अधिकारियों ने मामले की जांच की और परिवहन आयुक्त को एक रिपोर्ट सौंपी. कर्नाटक ऑन डिमांड ट्रांसपोर्टेशन टेक्नोलॉजी एग्रीगेटर्स रूल्स, 2016 की धारा 11 (1) के अनुसार, परिवहन विभाग नियमों के उल्लंघन की वजह से कैब एग्रीगेटर के लाइसेंस को रद्द करने का निर्णय ले सकता है.'

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नोटिस में आगे बताया गया कि, ओला को 15 फरवरी 2019 को नोटिस भेजा गया और कंपनी को जांच के निष्कर्षों का जवाब देने के लिए कहा गया. ओला की ओर से प्रतिक्रिया 3 मार्च, 2019 को दी गई. नोटिस में बताया गया कि, चूंकि कंपनी का जवाब संतोषजनक नहीं था और उसने ऐसा कोई सबूत नहीं दिया जिससे ये साबित होता हो कि उसने नियमों का उल्लंघन नहीं किया है, इसलिए परिवहन विभाग ने 18 मार्च, 2019 को छह महीने की अवधि के लिए ओला के लाइसेंस को निलंबित करने का फैसला किया है.

ओला की प्रतिक्रिया:

इस मामले में ओला की ओर से प्रतिक्रिया दी गई है. कंपनी ने एक स्टेटमेंट जारी कर कहा, 'ओला कानून का पालन करने वाली कंपनी है. हमनें हमेशा नई टेक्नोलॉजी को आगे बढ़ाने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम किया है. हम ऐसा समाधन खोज रहे हैं, जिससे कर्नाटक राज्य में हजारों ड्राइवर पार्टनर्स अपना काम जारी रख सकें और लोगों की जरूरतों को पूरा कर सकें.'

कंपनी ने आगे कहा है कि, बावजूद इसके कि दूसरी कंपनियां अवैध तरीके से अपनी सेवाएं दे रही हैं, हमने अपनी बाइक टैक्सी एक्सपेरिमेंट को कुछ हफ्ते पहले रोक दिया है. हमने पायलेट्स के लिए एक कानूनी ढांचा विकसित करने के लिए राज्य के सहयोग की मांग की है. जो भविष्य में भी लाभ दे सके.

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साथ ही कंपनी ने इस मामले को लेकर कहा है कि, ये नोटिफिकेशन काफी दुखद है और हम इस संबंध में सरकार के साथ सीधे मिलकर काम करना चाह रहे हैं और अपने ड्राइवर-पार्टनर्स और यूजर्स के लिए समाधान निकालना चाह रहे हैं.

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