
दशकों तक भारतीय सड़क पर धूम मचाने वाली मारुति जिप्सी (Maruti Gypsy) को बिल्कुल नए इलेक्ट्रिक अवतार में पेश किया गया है. इस पुरानी जिप्सी को ख़ास तौर पर इंडियन आर्मी के लिए तैयार किया गया है, जिसे इंडियन आर्मी, IIT दिल्ली और टैडपोल प्रोजेक्ट्स नामक स्टार्टअप ने मिलकर रेट्रोफिट किया है. इस Maruti Gypsy Electric को आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस (ACC) में बीते शुक्रवार को प्रदर्शित किया गया था. एसीसी एक द्विवार्षिक कार्यक्रम है और भारतीय सेना के सबसे बड़े सम्मेलनों में से एक है.
इस ऑपरेशन के पीछे टैडपोल प्रोजेक्ट्स स्टार्टअप ने काम किया है, इस स्टार्टअप को आईआईटी-दिल्ली के तहत इनक्यूबेट किया गया है. इस स्टार्टअप के आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, टैडपोल प्रोजेक्ट्स मुख्य रूप से विंटेज कारों और जिप्सी के साथ काम करता है. ये स्टार्टअप पुरानी विंटेल कारों को भी रेट्रोफिट करता है, जिससे पुरानी कारों को नए तरह से मॉडिफाई कर उन्हें तैयार किया जाता है.
कैसी है इंडियन आर्मी की इलेक्ट्रिक Gyspy:
इस इलेक्ट्रिक Gyspy के मूल डिज़ाइन में कोई तब्दीली नहीं की गई है, हालांकि एसयूवी के बॉडी पर 'EV' बैजिंग और इंडियन आर्मी का लोगो जरूर दिया गया है. बताया जा रहा है कि इस Maruti Gyspy को इलेक्ट्रिक अवतार में तब्दील करने के लिए इसमें 30 kW की क्षमता का किट इस्तेमाल किया गया है, जो कि सिंगल चार्ज में 120 किलोमीटर तक का ड्राइविंग रेंज देती है.
कब लॉन्च हुई थी पहली Gypsy:
मारुति जिप्सी और इंडियन आर्मी का बहुत पुराना नाता है, लंबे समय तक ये एसयूवी आर्मी के सर्विस में रही है. कंपनी ने मारुति जिप्सी को दिसंबर 1985 में पहली बार पेश किया था, उस वक्त इस एसयूवी को 970 सीसी F10A सुजुकी इंजन के साथ भारतीय बाजार में उतारा गया. शुरुआत में, यह केवल सॉफ्ट-टॉप के रूप में उपलब्ध थी, लेकिन आफ्टरमार्केट हार्डटॉप्स के लोकप्रिय होने के बाद हार्डटॉप के साथ पेश किया गया. कंपनी ने साल 2018 में इसका प्रोडक्शन आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया था.