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बिहार में बनेगा 2400 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट, 13 करोड़ लोगों को होगा फायदा

बिहार के भागलपुर में 2400 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट बनाया जाएगा. इससे पूरे राज्य में 13 करोड़ लोगों को फायदा होगा और सस्ती बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ-साथ औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. ऊर्जा मंत्री का कहना है कि ये प्रोजेक्ट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दूरदर्शी एनर्जी नीतियों का नतीजा है.

बिहार में बनेगा 2400 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट. (सांकेतिक फोटो) बिहार में बनेगा 2400 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट. (सांकेतिक फोटो)
रोहित कुमार सिंह
  • पटना,
  • 27 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 10:58 PM IST

बिहार में बिजली उत्पादन को और मजबूत करने की दिशा में राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. सरकार ने भागलपुर जिले के पीरपैंती में 3x800 मेगावाट (कुल 2400 मेगावाट) की क्षमता वाले एक ग्रीनफील्ड थर्मल पावर प्लांट के निर्माण को मंजूरी दे दी है. 21,400 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत तैयार होने वाला ये प्रोजेक्ट अब तक का बिहार का निजी क्षेत्र में सबसे बड़ा निवेश है.

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इस पावर प्लांट के बन जाने से बिहार के 13 करोड़ लोगों को लाभ होगा और सस्ती बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ-साथ औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. बिहार राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड को नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया गया है, जो टेंडर प्रक्रिया समेत प्रोजेक्ट कार्यान्वयन की देखरेख के लिए जिम्मेदार है.

'CM की दूरदर्शी नीतियों का नतीजा है ये प्रोजेक्ट'

ये प्रोजेक्ट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दूरदर्शी एनर्जी नीतियों का नतीजा है. इस मौके पर बोलते हुए ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा, 'मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बिहार ने निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाया है. ये प्रोजेक्ट न केवल विश्वसनीय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेगी, बल्कि बिजली की लागत को कम करने में भी योगदान देगी. यह राज्य के औद्योगिक विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी.'

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मुख्य परियोजना हाइलाइट्स

  • निवेश: ₹21,400 करोड़ (बिहार में सबसे बड़ा निजी निवेश)
  • क्षमता: 3x800 मेगावाट (कुल 2400 मेगावाट)
  • स्थान: पीरपैंती, भागलपुर
  • भूमि अधिग्रहण: 1020.60 एकड़ अधिग्रहीत
  • नोडल एजेंसी: बिहार राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड
  • कोयला लिंकेज: कोल इंडिया लिमिटेड के तहत शक्ति-V-(IV) से प्रस्तावित
  • टेंडर प्रक्रिया: टैरिफ-आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (टीबीसीबी)
  • टेंडर मैनेजमेंटर: SBI कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड, मुंबई

'कोयला का आवंटन हुआ सुरक्षित'

बिहार वर्तमान में अपनी बिजली की मांग को पूरा करने के लिए बाहरी स्रोतों पर निर्भर है. इस बिजली संयंत्र के पूरा होने से यह निर्भरता काफी कम हो जाएगी, जिससे बिजली की खरीद अधिक लागत प्रभावी हो जाएगी. मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा, 'राज्य की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने एक नया 2400 मेगावाट थर्मल पावर प्लांट स्थापित करने का फैसला लिया है. इसके लिए कोयला आवंटन पहले ही सुरक्षित कर लिया गया है.'

ऊर्जा सचिव पंकज कुमार पाल ने बताया कि पीरपैंती में सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट के लिए प्रारंभिक प्रस्ताव पर विचार किया गया था, लेकिन तकनीकी सर्वेक्षण में यह निर्धारित किया गया कि कोयले की उपलब्धता और अनुकूल भूमि की स्थिति के कारण ताप विद्युत संयंत्र अधिक व्यवहार्य विकल्प था.

बिजली आपूर्ति पर इसके प्रभाव के अलावा, इस प्रोजेक्ट से निर्माण चरण के दौरान और उसके बाद हजारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है. इसके अतिरिक्त सस्ती बिजली की उपलब्धता से औद्योगिक यूनिटों की स्थापना में सुविधा होगी, जिससे राज्य में और अधिक निवेश आकर्षित होगा.

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भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने टैरिफ नीति 2016 के तहत प्रोजेक्ट की टेंडर प्रक्रिया का समर्थन किया है. केंद्रीय बजट 2024 में 21,400 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की गई, जिससे बिहार की ऊर्जा आत्मनिर्भरता के लिए केंद्र की प्रतिबद्धता को बल मिला.

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