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'अतुल से सास ने उधार लिए थे 17 लाख, वापस मांगे तो...', AI इंजीनियर के चचेरे भाई का दावा

अतुल के बिहार के समस्तीपुर स्थित पैतृक घर में मातम का माहौल है. हर कोई इस घटना से स्तब्ध नजर आ रहा है. मृतक अतुल के द्वारा लिखा गया 24 पन्ने का सुसाइड नोट और सुसाइड से पहले बनाया गया वीडियो झकझोर देने वाला है. इस पर अतुल के चचेरे भाई बजरंग अग्रवाल ने आजतक से बातचीत की.

अतुल सुभाष के चचेरे भाई बजरंग ने आजतक से खास बातचीत की अतुल सुभाष के चचेरे भाई बजरंग ने आजतक से खास बातचीत की
जहांगीर आलम
  • समस्तीपुर,
  • 11 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:00 AM IST

बेंगलुरु में इंजीनियर अतुल सुभाष का सुसाइड केस लगातार सुर्खियों में है. इंसाफ की तलाश में अतुल सुभाष का परिवार अब पुलिस-प्रशासन से गुहार लगा रहा है. 9 दिसंबर को बेंगलुरु में एआई इंजीनियर ने पत्नी, ससुरालवालों और उत्तर प्रदेश में चलते केस में न्यायिक व्यवस्था में भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर खुदकुशी की. मंगलवार से इस मामले पर पूरे देश में चर्चा चल रही है. अतुल सुभाष मोदी को जो न्याय जीते जी नहीं मिला, वो उन्हें अब सब दिलाना चाहते हैं.

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अतुल के बिहार के समस्तीपुर स्थित पैतृक घर में मातम का माहौल है. हर कोई इस घटना से स्तब्ध नजर आ रहा है. मृतक अतुल के द्वारा लिखा गया 24 पन्ने का सुसाइड नोट और सुसाइड से पहले बनाया गया वीडियो झकझोर देने वाला है. इस पर अतुल के चचेरे भाई बजरंग अग्रवाल ने आजतक से बातचीत में कहा कि अतुल की शादी 2019 में मेट्रोमोनियल साइट के जरिए हुई थी. उसके ठीक एक साल के बाद दोनों पति पत्नी के बीच विवाद शुरू हो गया था. इस बीच अतुल के ससुर का निधन हो गया. 

इंजीनियर के चचेरे भाई ने दावा किया कि निकिता की मां ने अतुल से मकान खरीदने के लिए करीब 17 लाख रुपये उधार लिए थे. अब ये पैसा लौटाया गया या नहीं, ये जानकारी नहीं. लेकिन जब वह उन्होंने पैसा वापस मांगा तो अतुल के खिलाफ दहेज उत्पीड़न के साथ-साथ कई केस दर्ज करा दिए गए. 

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बजरंग ने बताया कि इसके बाद निकिता अतुल से अलग रहने लगी और बच्चे से नहीं मिलने देती थी. 40 हजार रुपये अतुल अपने बच्चे के परवरिश के लिए दिया करता था. पति-पत्नी के विवाद को लेकर एक पंचायत भी हुई, जिसमें शादी में खर्च हुए 22 लाख रुपये लौटाने पर निकिता अलग होने के लिए तैयार थी. लेकिन बाद में बात नहीं बनी और मामला कोर्ट में चलता रहा. आखिर में अतुल ने 24 पन्ने का सुसाइड नोट लिखकर और वीडियो बनाकर खुद की जीवन लीला को ही समाप्त कर लिया.

चचेरे भाई ने बताई पिता के संघर्ष की कहानी

अतुल के पिता पवन मोदी मूल रूप से मध्य प्रदेश के विलासपुर के रहने वाले थे. अतुल के पिता पवन मोदी जब 6 माह के थे, तब उनके माता-पिता का देहांत हो गया था. तब बजरंग अग्रवाल के परिजन ही उन्हें समस्तीपुर जिले के पूसा वैनी ले आए थे. इनकी 6 बहनों की शादी पूसा वैनी में ही सब रिश्तेदारों ने मिलकर की थी. बाद में अतुल के पिता को उनकी बड़ी बहन बंगाल लेकर चली गई थी. फिर पवन मोदी को वापस समस्तीपुर के पूसा वैनी लाया गया और यहां वह अपने चाचा की कपड़े की दुकान पर काम करने लगे. इसके बाद रिश्तेदारों ने उनकी दुकान खुलवाई. फिर अतुल के पिता की शादी हुई और दो बच्चे हुए, जिनमें अतुल बड़े थे और छोटा विकास मोदी है.

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अतुल बचपन से पढ़ने में तेज स्वभाव का था

बजरंग ने बताया कि अतुल बचपन से ही पढ़ाई में तेज थे. उनकी 12th तक की पढ़ाई समस्तीपुर में ही हुई थी. पढ़ने में तेज होने की वजह से पिता ने उन्हें बाहर पढ़ने के लिए भेज दिया था. उसके बाद ही वो इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर बेंगलुरु में जॉब करने लगे थे. उनका स्वभाव काफी अच्छा था और वह किसी से कभी झगड़ा तक नहीं करते थे. 

मेट्रोमोनियल साइट के जरिए हुई शादी 

बजरंग ने बताया कि अतुल की शादी यूपी के जौनपुर की रहने वाली निकिता से मेट्रोमोनियल साइट के जरिए हुई. दोनों परिवार के लोगों को रिश्ता पसंद आया और 2019 में शादी तय हो गई. समस्तीपुर जिले के पूसा वैनी से बारात बनारस के होटल में गई थी, जहां पूरे विधि विधान के साथ अतुल और निकिता की शादी हुई थी. शादी के बाद कुछ दिनों तक पूसा में रहने के बाद दोनों बेंगलुरु चले गए थे क्योंकि अतुल और निकिता दोनों ही बेंगलुरु में जॉब करते थे. शादी के एक बाद ही पति पत्नी के बीच विवाद बढ़ गया और नतीजा केस मुकदमे तक पहुंच गया. 

परिजनों ने बताया कि अतुल को परेशान करने के लिए जानबूझकर बेंगलुरु में केस दर्ज नहीं कराया गया और जौनपुर में किया गया था. एक साल में 40 बार कोर्ट में तारीख पर बुलाया गया. कोर्ट में इतनी जल्दी-जल्दी तारीख दी जाती थी कि अतुल को छुट्टी लेकर फ्लाइट से जौनपुर जाना पड़ता था. अतुल को बच्चे से भी नहीं मिलने दिया जाता था. इन्हीं सबकी वजह से अतुल इतना बड़ा कदम उठाने को मजबूर हो गए.

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(इनपुट: आकाश दोशी)

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