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औरंगजेब को लेकर JDU MLC खालिद अनवर ने दिया बयान तो भड़के जदयू MLA कुमार संजीव, कहा- ऐसे लोगों को गाजा पट्टी भेज देना चाहिए

जेडीयू एमएलसी खालिद अनवर के बयान पर जेडीयू के ही विधायक कुमार संजीव ने कहा कि जो लोग औरंगजेब की तारीफ करते हैं, वे लोग देशद्रोही हैं और ऐसे लोगों को भारत से निकाल फेंकना चाहिए और इन उन्हें पाकिस्तान, बांग्लादेश या गाजा पट्टी भेज देना चाहिए.

जेडीयू एमएलसी खालिद अनवर के बयान पर सियासी बवाल मच गया है जेडीयू एमएलसी खालिद अनवर के बयान पर सियासी बवाल मच गया है
रोहित कुमार सिंह
  • पटना,
  • 06 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 5:32 PM IST

मुगल बादशाह औरंगजेब एक बार फिर चर्चा में है, पहले महाराष्ट्र के समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी ने औरंगजेब को लेकर विवादित बयान दिया. फिर बिहार में जेडीयू MLC खालिद अनवर ने कहा कि औरंगजेब जालिम बादशाह नहीं बल्कि अच्छे बादशाह थे. उन्होंने कहा कि औरंगजेब ने मंदिरों को नहीं तोड़ा था. इस पर जेडीयू के ही विधायक कुमार संजीव ने अपनी पार्टी के नेता पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि जो लोग औरंगजेब की तारीफ करते हैं, वे लोग देशद्रोही हैं और ऐसे लोगों को भारत से निकाल फेंकना चाहिए और इन उन्हें पाकिस्तान, बांग्लादेश या गाजा पट्टी भेज देना चाहिए.

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क्या कहा था जेडीयू MLC खालिद अनवर ने?

जेडीयू के एमएलसी खालिद अनवर ने कहा कि औरंगजेब जालिम बादशाह नहीं, बल्कि अच्छे बादशाह थे. उन्होंने कहा कि औरंगजेब ने मंदिरों को नहीं तोड़ा था. उन्होंने कहा कि ये बदकिस्मती है हमारे देश के राजनीति की कि संसद में एकेडेमिक चर्चा होती है, कोई सिनेमा बन रहा है, कोई आर्टिकल लिख रहा है तो ये शैक्षणिक चर्चा है, इस पर चर्चा होनी चाहिए, लेकिन औरंगजेब पर लोगों की राय अलग अलग है, बड़े इतिहासकार ने ये कहा है कि औरंगजेब एख अच्छा शासक था. और उनको जिस तरह से जालिम बताया जाता है वो उतना जालिम नहीं था... ये एक एकैडेमिक चर्चा है, इस पर संसद में चर्चा नहीं हो सकती, ना ही किसी राजनीतिक पार्टी के जलसे में इस पर बात की जा सकती है. और औरंगजेब के बारे में इस प्रकार का दुष्प्रचार नहीं किया जाना चाहिए. इस चर्चा से कोई राजनीतिक पार्टी क्या हासिल करना चाहती है मुझे नहीं समझ में आता है.

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मुनव्वर राना के बेटे का सरकार पर तंज

इसी बीच दिवंगत कवि मुनव्वर राना के बेटे तबरेज़ राना ने कहा कि औरंगज़ेब ने 48 साल तक राज किया. अगर उसने उन 48 साल तक हिंदुओं का कत्लेआम किया होता, तो उसने बहुतों को मार डाला होता. क्या तब हिंदू बच पाते? क्या मंदिर 48 साल तक बचे रहते? पिछले 10 सालों की सरकार में बुलडोजर चलाए गए. लेकिन उनके पास 48 साल थे. तब न हम थे, न सोशल मीडिया. उन्होंने कहा कि जब मेरे दिवंगत पिता मुनव्वर राना बुरे हो सकते थे, तो उनकी क्या गलती थी? कि वो 'गोडसे' के दौर में 'गांधीगिरी' कर रहे थे. ये (विवाद) तब होता है, जब हमारे पास दिखाने के लिए कुछ नया नहीं होता. अगर हमने कुछ नया, कुछ अच्छा किया होता, तो हम अतीत में नहीं जाते. आप मुगल से नफरत करते हैं लेकिन मुगलई को पसंद करते हैं.

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