
बेगूसराय में भीषण गर्मी के बीच बीमारी से बच्चों की मौत होने लगी है. ऐसा ही एक मामला सदर अस्पताल से सामने आया है. यहां 12 साल के एक बच्चे को फीवर होने पर अस्पताल लाया गया. डॉक्टरों ने उसे देखते ही मृत बता दिया. इसके बाद परिजन ने आरोप लगाया है कि बच्चे के शव को ले जाने के लिए अस्पताल की तरफ से शव वाहन या एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराया गया. इस कारण काफी देर तक परिजन अस्पताल परिसर में मृत बच्चे के शव को लेकर घूमते रहे और फिर ई-रिक्शा पर लेकर गए.
मिली जानकारी के अनुसार मुफस्सिल थाना क्षेत्र के रजौड़ा गांव निवासी राजनीति राय के 12 वर्षीय बेटे आयुष कुमार को भीषण गर्मी में फीवर की शिकायत हुई थी. इस पर परिजन गुरुवार की सुबह इलाज के लिए सदर अस्पताल ले आए. यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. बच्चों की मौत के बाद परिजन बच्चे के शव को कंधे पर लेकर अस्पताल में घूमते रहा और एंबुलेंस की मांग की, लेकिन सदर अस्पताल से एंबुलेंस तक मुहैया नहीं कराया गया.
इस मामले पर बेगूसराय के सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि मृत अवस्था में बच्चों को अस्पताल लाया गया था. डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद परिजन बच्चे के शव को ई रिक्शा पर लेकर चले गए. सदर अस्पताल में कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा है और शव वाहन दूसरी तरफ रखा रहता है. ऐसा नहीं है कि शव वाहन पर चालक इंजन स्टार्ट कर बैठा रहता है.
सीएस ने बताया कि बच्चे की मौत के बाद कुछ देर भी बच्चों के परिजनों ने इंतजार नहीं किया और शव को ई रिक्शा से ले गए. इसमें सदर अस्पताल क्या कर सकता है. अगर मौत हुई तो कुछ देर इंतजार करना चाहिए था. परिजन शव वाहन नहीं देने का झूठा आरोप लगा रहे हैं. सदर अस्पताल में सारी व्यवस्था है और सरकारी स्तर पर शव को पहुंचाया जाता है. बच्चे की मौत कैसे हुई यह स्पष्ट नहीं है क्योंकि पोस्टमार्टम नहीं कराया गया था.