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बिहार में नई एनडीए सरकार बनने के बाद राज्य के 4 आयोगों को भंग कर दिया गया है. नीतीश सरकार ने अति पिछड़ा आयोग, महादलित आयोग, राज्य अनुसूचित जाति आयोग और राज्य अनुसूचित जनजाति (एसटी) आयोग को भंग करने का फैसला लिया है.
बिहार में सरकार बदलने के बाद अब नए सिरे से इन आयोगों का पुनर्गठन किया जाएगा. बताया जा रहा है कि बीजेपी के सरकार में शामिल होने के बाद राज्य के राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं जिस वजह से यह फैसला लिया गया है. इससे पहले जिला 20 सूत्री समितियों को भी भंग किया गया था.
बता दें कि बिहार में एनडीए सरकार बनने के बाद 10 फरवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना है. लेकिन उससे पहले ही एनडीए की सहयोगी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने प्रेशर पॉलिटिक्स शुरू कर दी है. मांझी ने अपनी पार्टी के लिए सरकार में एक और मंत्री पद मांगा है.
नई सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी ऐसा बयान दिया है जिससे बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है. चिराग पासवान ने जीतन राम मांझी की मांग का समर्थन किया है.
चिराग ने किया मांझी के मांग का समर्थन
चिराग पासवान से जब फ्लोर टेस्ट से पहले बिहार में एक बार फिर खेला होने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि कौन खेला करेगा. जीतन राम मांझी द्वारा एक और मंत्री पद की मांग किए जाने के सवाल पर चिराग पासवान ने कहा कि भले उनके विधायकों की संख्या कम है लेकिन मौजूदा स्थिति में उनकी काफी अहमियत है.
10 फरवरी को बहुमत परीक्षण
बता दें कि 10 फरवरी को विधानसभा में शक्ति परीक्षण के बाद 12 फरवरी को विधानसभा के नए स्पीकर का चुनाव किया जाएगा. नीतीश कुमार 28 जनवरी को महागठबंधन छोड़कर एनडीए में शामिल हुए थे और उसी दिन 8 मंत्रियों संग पद की शपथ ली थी. इसके बाद नीतीश कुमार ने शनिवार को बीजेपी के दोनों डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा समेत सभी मंत्रियों के विभाग का बंटवारा भी कर दिया गया था. नीतीश ने इस बार भी गृह विभाग अपने पास ही रखा है.