
बिहार में बीजेपी के साथ आने के बाद नीतीश कुमार भी नए तेवर में नजर आ रहे हैं. राज्य के अंदर क्राइम, करप्शन और माफिया राज से निपटने के लिए अब नई एनडीए सरकार यूपी के तर्ज पर कदम आगे बढ़ाने को तैयार है. यूपी में गैंगस्टर एक्ट की तर्ज पर अब बिहार में भी अपराध और भ्रष्टाचार के साथ-साथ माफिया राज्य के खात्मे के लिए नया सख्त कानून बनाने की तरफ कदम आगे बढ़ा दिया गया है. नीतीश कैबिनेट की मंगलवार शाम हुई बैठक में इस नए कानून के प्रारूप को मंजूरी भी दे दी गई है और विधानसभा के मौजूदा सत्र में ही इसे बिल के रूप में पेश किया जाएगा.
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इस नए कानून के लागू होने के बाद में भ्रष्टाचार को लेकर सरकार की सख्ती और बढ़ेगी. राज्य के सरकारी महकमों में होने वाली गड़बड़ी के अलावा माफिया राज से निपटने के लिए सरकार नया कानून लाने की तैयारी में है. इस नए कानून के प्रभावी होने के बाद भ्रष्टाचार को गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा जायेगा और सख्त सजा का प्रावधान होगा. मंगलवार की शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में भ्रष्टाचार और माफिया राज पर सख्त एक्शन के लिए लाए जाने वाले कानून के प्रारूप को मंजूरी दे दी गई.
जमीन माफिया, बालू माफिया और शराब माफिया पर कड़ा एक्शन
मंगलवार को विधानसभा की कार्यवाही खत्म होने के बाद राज्य कैबिनेट की बैठक में जिसने कानून के प्रारूप को मंजूरी दी गई है उसमें सरकारी राशि की गड़बड़ी करने वालों के लिए सख्त सजा का प्रावधान है. साथ ही साथ इसमें कानून के जरिए जमीन माफिया, बालू माफिया और शराब माफिया पर भी कड़ा एक्शन हो सकेगा. बिहार में लागू होने वाले इस नए कानून को यूपी के गैंगस्टर एक्ट जैसा ही माना जा रहा है. अब तक भ्रष्टाचार और सिंडिकेट माफिया से जुड़े जिन मामलों में अपराध को गंभीर श्रेणी में नहीं रखा जाता था उन मामलों को अब गंभीर मानते हुए उसे पर सख्त सजा का प्रावधान भी किया जाएगा.
नए कानून का प्रारूप को लेकर जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक भ्रष्टाचार पर अंकुश के लिए बनाया गया कानून पहले के कानून के मुकाबले और सख्त होगा. राज्य में पहले से भ्रष्टाचार से निपटने के लिए तीन-तीन एजेंसियां काम कर रही हैं, इनमें आर्थिक अपराध इकाई, निगरानी ब्यूरो और विशेष निगरानी इकाई है. इन तीनों एजेंसियों की शक्तियां और बढ़ाई जा सकती है साथ ही नई जांच एजेंसी की परिकल्पना भी नए कानून में प्रस्तावित है. सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक विधानसभा के मौजूदा सत्र में ही गृह विभाग के प्रस्तावित नए कानून का मसौदा पेश किया जाएगा और इसे हर हाल में पास कराना चाहेगी.