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पीछे एक और मकान है, लेकिन इसी घर में रहते थे जीतन सहनी... इंडिया टुडे को हाल में दिए इंटरव्यू में मुकेश सहनी पर भी कई बातों का किया था खुलासा

विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की मंगलवार को बिहार के दरभंगा में हत्या कर दी गई. जीतन की हत्या उनके घर के अंदर की गई है. उनका शव क्षत-विक्षत हालत में बरामद किया गया है. मुकेश के पिता जीतन सहनी ने हाल ही में लोकसभा चुनाव के दौरान इंडिया टुडे को अपना आखिरी इंटरव्यू दिया था.

मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी ने इंडिया टुडे से बातचीत की थी. (फाइल फोटो) मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी ने इंडिया टुडे से बातचीत की थी. (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 11:54 AM IST

बिहार के पूर्व मंत्री और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के अध्यक्ष मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी (70) की सोमवार देर रात उनके घर में हत्या कर दी गई. जीतन दरभंगा जिले के सुपौल बाजार स्थित अफजला पंचायत में अपने घर में अकेले रहते थे. उनके शरीर पर धारदार हथियार से हमला किया गया. जीतन सहनी ने तीन महीने पहले (4 मई 2024) लोकसभा चुनाव के दौरान 'इंडिया टुडे (हिंदी)' को आखिरी इंटरव्यू दिया था. उन्होंने इस इंटरव्यू में अपने जीवन के सफर से लेकर बेटे मुकेश सहनी के करियर तक पर खुलकर बात की थी. जीतन ने बताया था कि कैसे मुकेश सहनी को मुंबई जाना पड़ा और वहां मुकेश कैसे स्ट्रगल करके आगे बढ़े. पढ़िए, 'इंडिया टुडे' से बातचीत में जीतन सहनी ने क्या-क्या कहा था...

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सवाल- आप अपने बारे में बताइए. क्या काम करते हैं?
जवाब-
पहले मछली का काम करते थे. अब कोई काम नहीं करते हैं. घर में रहते हैं. यहां पीछे एक और घर है. दोनों घरों की देखभाल करते हैं. उसका लाइट वगैरह जलाकर आते हैं. लेकिन रहते इसी घर में हैं. मेरे दो बेटे हैं. मुकेश सहनी और संतोष सहनी. एक बेटी है.

सवाल- मुकेश ने मल्लाहों की पार्टी बनाई. वो बचपन में कैसे थे?
जवाब-
 मुकेश का गांव में बचपन बीता. यहीं पढ़ाई की. उसके बाद पढ़ाई छोड़कर गांव के लड़कों के साथ उठने-बैठने लगे. गांव में कोई लड़का जुआ खेल रहा, उसके पास जाकर बैठ जाता था. हालांकि, वो खुद जुआ नहीं खेलता था. जब मुझे पता चला तो घर आया. उस समय मुकेश घर में खाना खा रहा था. मैंने पूछा कि स्कूल गए थे तो उसने बताया कि नहीं. मुझे गुस्सा आया तो मैंने बल्ले से दो-तीन बार पिटाई कर दी. मैंने कहा कि जब तू पढ़ेगा नहीं तो मैं स्कूल की फीस क्यों दूं. घर से निकल जा... बेटी से मैंने कहा कि ये बैट जला दो. ना ये रहेगा और ना ये खेल पाएगा. उस रात मुकेश घर रुका और सुबह घर से निकल गया. मैंने उसे 2-3 हजार रुपए भी दे रहा था, लेकिन उसने पैसे नहीं लिए.

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मुकेश मुंबई गया और वहां कॉस्मैटिक कंपनी में दो-तीन साल नौकरी की.  900 रुपए तनख्वाह थी. उसके बाद कंपनी के काम से फिल्म सिटी गया. वहां फिल्म मेकर्स ने मुकेश की पर्सनैल्टी देखी तो उसे अपने साथ काम करने का ऑफर दिया. फिल्म मेकर्स ने कंपनी के मालिक से सीधे बात कर ली. बाद में मुकेश को रोजाना एक हजार रुपए दिए जाने लगे. मुकेश शूटिंग का सामान लाता था और सेट तैयार करता था. बाद में डायरेक्टर ने खुद के पैसे से सेट तैयार करने का ऑफर दिया और मुकेश ने पैसे का बंदोबस्त कर अपना काम शुरू कर दिया और काम जम गया. 

इंटरव्यू में जीतन सहनी कहते हैं कि मुकेश 18 या 19 साल की उम्र में मुंबई गया था. तीन चार साल बाद मुझे पता चला कि बेटा अच्छा पैसा कमाने लगा है तो सोचा कि चलो कुछ पैसे ले आते हैं, वरना सब पैसे उड़ा देगा. वहां परिवार समेत एक सप्ताह रहा. मुझे एक लाख 20 हजार रुपए दिए. मुकेश की मां का छह-सात पहले निधन हो गया. मुकेश की शादी कोलकाता में हुई है. 

सवाल- मुकेश राजनीति में कब आए
जवाब-
शादी के कुछ दिन बाद मुकेश राजनीति में आ गए. वो घर में कुछ बातें शेयर नहीं करते हैं. हम खाना और रहने की दिक्कत होगी तो उससे कहेंगे. सहनी समाज के लिए वो काम करता है. आरक्षण दिलाने के लिए खूब रुपए खर्च किए हैं. पूरा सुपौल में सहनी समाज रहता है.

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सवाल- पहले आप क्या काम करते थे?
जवाब-
शुरुआत से मेरा काम मछली पकड़ने के धंधा का रहा है. पिता जी भी मछली का काम करते थे. पहले यहां से मछली बंगाल तक जाती थी. अब उतनी पैदावार ही नहीं होती है. अब यहां आंध्र प्रदेश से मछली आती है. मछली कारोबार डाउन होने से रोजगार का संकट हो गया है और लोग मखाना कारोबार करने लगे हैं. अब मुंह में दांत नहीं हैं तो चावल खा लेते हैं.

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