
लैंड फॉर जॉब मामले में पूछताछ के लिए राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav), पटना स्थित ईडी दफ्तर पहुंचे हैं. नौकरी के बदले जमीन केस में लालू यादव परिवार जांच के दायरे में है. मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय ने बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके बेटे तेज प्रताप से लंबी पूछताछ की. दोनों को अलग-अलग कमरे में बिठाकर ED अधिकारियों ने सवाल किए.
'जिनको संविधान में विश्वास...'
वहीं, दूसरी तरफ बिहार में इस सियासत भी शुरू हो चुकी है. उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा, "संवैधानिक संस्था अपना काम करती है. ईडी, इनकम टैक्स और सीबीआई संवैधानिक संस्था है. जिनको संविधान में विश्वास है, इन संस्थाओं का सम्मान करना चाहिए, इनको जानकारी उपलब्ध करानी चाहिए, लोगों में भ्रम नहीं फैलाना चाहिए."
उन्होंने आगे कहा कि बिहार को जिन लोगों ने लूटा और बर्बाद किया, नहीं बचेगा बिहार के अंदर, ये एनडीए की खुली चेतावनी है कि बिहार की जनता की गाढ़ी कमाई जिसने रोका है, वह अब नहीं बचेगा. बिहार में मोदी और नीतीश की सरकार है. यहां कोई भी गुंडाराज नहीं चलेगा. सत्ता के लोग हों, या विपक्ष लोग हों, जो गुंडाराज लाने की कोशिश करेगा, विजय सिन्हा खुल के उसका विरोध करेगा.
यह भी पढ़ें: दलित चेहरा, राहुल गांधी के करीबी... बिहार प्रदेश अध्यक्ष के लिए आखिर कांग्रेस ने राजेश कुमार को ही क्यों चुना?
'जब कोई भी केस दर्ज होता है...'
बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने कहा, "लालू यादव से पूछताछ का चुनाव से कोई संबंध नहीं है. जब कोई भी केस दर्ज होता है, तो वक्त के मुताबिक जांच आगे बढ़ती है.
बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर ने कहा कि भारतीय कानून के हाथ इतने लंबे हैं कि कोई गलत करके बच नहीं सकता है. लालू यादव ने रेल मंत्री रहते जमीन लेकर लोगों को नौकरी दी.
वहीं, तेजस्वी यादव ने ईडी के द्वारा भेजे गए समन के मामले पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा, "एजेंसी तो सारी बीजेपी की टीम है, इनका सारा काम अब बिहार में दिखेगा. हमें कोई फर्क नहीं पड़ता है, हम कानून का पालन करेंगे. बुलाया है तो हम लोग जाएंगे लेकिन इन सब चीजों से कुछ होना नहीं है. बीजेपी डर में है इसलिए ये सब करती है, हम बिहार में सरकार बनाएंगे."