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बिहार में 5 डॉन-बाहुबलियों की पत्नियां थीं चुनाव मैदान में, 3 को मिली हार, दो ने दिखाया 'दबदबा'

बिहार में कई ऐसे बाहुबली नेता हैं, जो खुद तो चुनाव नहीं लड़ सकते हैं, लेकिन उन्होंने अपनी पत्नियों को संसद पहुंचाने के लिए इस बार लोकसभा चुनाव में पूरा जोर लगा दिया था. पहले अलग-अलग पार्टियों में जुगाड़ लगाई और पत्नियों को टिकट दिलवाया. फिर चुनाव में जनता के बीच पहुंचे और सेवा का अवसर देने के लिए हाथ भी जोड़े. लेकिन, अब जब नतीजे आए तो बाहुबलियों को बिहार की जनता ने नकार दिया है.

लोकसभा चुनाव में बिहार में बाहुबलियों की पत्नी भी मैदान में उतरी थीं. लोकसभा चुनाव में बिहार में बाहुबलियों की पत्नी भी मैदान में उतरी थीं.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 जून 2024,
  • अपडेटेड 11:09 AM IST

लोकसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं. बिहार में डॉन से नेता  बाहुबलियों की बीवियों को तगड़ा झटका लगा है. इस चुनाव में पांच बाहुलियों ने अपनी पत्नियों को मैदान में उतारा था, इनमें तीन को हार का सामना करना पड़ा है. जबकि दो को जीत मिली है.

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने बिहार में जबरदस्त जीत हासिल की है. हालांकि, इस बार सीटें कम हुई हैं. NDA को 30 सीटें मिली हैं. बीजेपी और जदयू को 12-12, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 5 और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा को एक सीट मिली है. इंडिया ब्लॉक में राष्ट्रीय जनता दल को 4, कांग्रेस को 3 सीटें मिली हैं. CPI (M) को 2 सीटें मिली हैं. एक निर्दलीय ने चुनाव जीता है.

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बिहार की राजनीति में वर्षों से बाहुबल और बाहुबली का जोर देखने को मिला है. ऐसे कई बाहुबली नेता हैं जो खुद तो चुनाव नहीं लड़ सकते हैं, ऐसे में उन्होंने किसी तरह से लोकसभा पहुंचने के लिए अपनी पत्नियों के रास्ते चुनाव जीतने का प्लान बनाया था. हालांकि, कामयाबी हाथ नहीं लग सकी है.

अनीता कुमारी (RJD) 

2024 लोकसभा चुनाव में अनीता कुमारी राजद के टिकट पर मुंगेर सीट से लड़ीं. उनके सामने जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह थे. ललन ने यह चुनाव 80,870 वोटों से चुनाव जीता है. अनीता कुमारी नवादा के बाहुबली और आपराधिक छवि के नेता अशोक महतो की पत्नी हैं. 2023 में अशोक महतो 17 साल कारवास काटने के बाद जेल से रिहा हुआ है. 2001 के नवादा जेल ब्रेक कांड में दोषी अशोक महतो जेल में बंद था.

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अशोक महतो ने चुनाव के लिए की थी शादी

दिलचस्प बात यह है कि अशोक महतो खुद चुनाव लड़ नहीं सकता था. इसी कारण उसने लोकसभा चुनाव अपनी पत्नी के जरिए लड़ने की सोची और फिर खरमास (अशुभ मुहूर्त) के दौरान उसने अनीता देवी से शादी की. दरअसल, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने उसे सलाह दी थी कि वो पत्नी को मुंगेर सीट से चुनाव लड़वाए. चूंकि दो साल से ज्यादा सजा का दोषी होने के कारण अशोक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य था. लालू से आश्वासन मिलने के बाद अशोक महतो ने खरमास में आनंद-पणन में अनीता देवी से शादी की और फिर मुंगेर लोकसभा सीट से आरजेडी ने उसकी पत्नी को टिकट दे दिया. मुंगेर में चौथे चरण में चुनाव था. ललन सिंह के समर्थन में इस बार बाहुबली अनंत सिंह को देखा गया. अनंत को छोटे सरकार के नाम से भी जाना जाता है.

बीमा भारती (RJD)

इसी तरह, पूर्णिया सीट पर भी बाहुबली की जोर देखने को मिला. कुख्यात अपराधी अवधेश मंडल की पत्नी बीमा मंडल को आरजेडी ने पूर्णिया सीट से टिकट दिया था. बीमा के सामने बाहुबली नेता राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव थे. बीमा को 27017 वोट मिले. ये नोटा के 23,819 वोटों के बराबर हैं. पप्पू यादव को 567556 वोट मिले. दूसरे नंबर पर जदयू के संतोष कुमार को 543709 वोट मिले. पप्पू ने 23847 वोटों से जीत हासिल की.

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बीमा भारती के पति अवधेश मंडल के खिलाफ हत्या और अपहरण के दर्जनों मामले दर्ज हैं और उनकी छवि एक बाहुबली और अपराधी की है. बीमा भारती पांच बार विधायक रह चुकी हैं और पिछले दिनों उन्होंने विधायक रहते हुए जनता दल यूनाइटेड से इस्तीफा दिया और राजद में शामिल हो गईं थीं. 

हिना शहाब (निर्दलीय)

सिवान सीट से दिवंगत मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब निर्दलीय मैदान में उतरीं. शहाबुद्दीन की कोरोनाकाल में मौत हो गई थी. वो 2007 में अपहरण के बाद हत्या किए जाने के मामले में जेल में बंद था. इस चुनाव में शहाबुद्दीन की पत्नी को हार मिली है. यहां जेडीयू की विजयलक्ष्मी देवी ने 92857 वोटों से चुनाव जीता. हिना को 293651 वोट मिले. जबकि विजयलक्ष्मी को 386508 वोट मिले.

1998 में सीपीआई-एमएल कार्यकर्ता छोटेलाल गुप्ता की सिवान में अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी. इस मामले में शहाबुद्दीन को दोषी पाया गया था और 2007 में उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी. 2015 में दो भाइयों को तेजाब से नहला कर और उनकी गोली मार कर हत्या देने के मामले में शहाबुद्दीन को उम्रकैद की सजा मिली थी.

बाहुबलियों की पत्नियां कहां जीतीं?

सिवान में विजयलक्ष्मी की जीत

सिवान से जेडीयू के टिकट पर चुनाव जीतने वालीं विजयलक्ष्मी देवी बाहुबली नेता रमेश सिंह कुशवाहा की पत्नी हैं. रमेश का ताल्लुक CPI ML से रहा है और शिवजी दुबे हत्याकांड के मुख्य आरोपी भी हैं और जेल भी जा चुके हैं. रमेश सिंह कुशवाहा खुद पूर्व विधायक हैं.

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सिवान सीट से 2019 में जेडीयू की कविता सिंह ने चुनाव जीता था. कविता भी बाहुबली नेता अजय सिंह की पत्नी हैं. नीतीश कुमार ने इस बार कविता का टिकट काटकर विजयलक्ष्मी देवी को सिवान से उम्मीदवार बनाया था.

शिवहर में लवली आनंद की जीत

हत्या के मामले में दोषी और डॉन आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद ने जेडीयू के टिकट पर चुनाव जीता है. उन्होंने शिवहर सीट पर 29,143 वोटों से जीत दर्ज की. लवली को 476612 वोट मिले. दूसरे नंबर आरजेडी की रितू जायसवाल को 447469 वोट मिले.

बाहुबली आनंद मोहन खुद 1996 और 1998 में शिवहर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे. आनंद मोहन पिछले साल अप्रैल में जेल से रिहा हुए थे, जब नीतीश कुमार सरकार ने जेल नियमावली में कुछ बदलाव किए थे जिसके बाद उनकी रिहाई संभव हो पाई थी. आनंद मोहन 1994 में गोपालगंज डीएम जी. कृष्णैया के हत्या के आरोप में 16 साल जेल की सजा काटने के बाद जेल से रिहा हुए थे. आनंद मोहन खुद चुनाव नहीं लड़ सकते हैं और इसी कारण से उन्होंने अपनी पत्नी लवली आनंद को जनता दल यूनाइटेड का टिकट दिलवा दिया है.

2019 में लवली आनंद ने राजद के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था, मगर वो हार गई थी. इस बार ठीक से चुनाव से पहले लवली आनंद ने राजद को छोड़कर जनता दल यूनाइटेड में शामिल हो गई हैं और शिवहर से चुनाव लड़ रही हैं.

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