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'मंत्री कहते हैं चुप रहो और कुछ मत बोलो... हम जब आग बुझा रहे थे तब आई पुलिस', नवादा कांड की पीड़िता का दर्द

बिहार में भूमि सर्वेक्षण के बीच 18 सितंबर की रात कृष्णा नगर नदिपार गांव में कुछ दबंगों ने जमकर दादागिरी दिखाई. वे बंदूक, लाठी और अन्य हथियार लेकर अनुसूचित समुदाय के लोगों की बस्ती में पहुंचे और जमीन पर अपना दावा किया. उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी जमीन पर अवैध रूप से यह बस्ती बनाई गई है. 

नवादा जिले के कृष्णा नगर नदीपार गांव में हुई गोलीबारी और आगजनी की घटना के बाद मौके पर पहुंचे मंत्री रत्नेश सदा. (Photo: Aajtak) नवादा जिले के कृष्णा नगर नदीपार गांव में हुई गोलीबारी और आगजनी की घटना के बाद मौके पर पहुंचे मंत्री रत्नेश सदा. (Photo: Aajtak)
आदित्य वैभव
  • नवादा,
  • 20 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:39 AM IST

नवादा जिले के कृष्णा नगर नदीपार गांव में हुई गोलीबारी और आगजनी मामले में पुलिस ने मुख्य संदिग्ध नंदू पासवान समेत 15 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. बिहार में भूमि सर्वेक्षण के बीच 18 सितंबर की रात कृष्णा नगर नदिपार गांव में कुछ दबंगों ने जमकर दादागिरी दिखाई. वे बंदूक, लाठी और अन्य हथियार लेकर अनुसूचित समुदाय के लोगों की बस्ती में पहुंचे और जमीन पर अपना दावा किया. उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी जमीन पर अवैध रूप से यह बस्ती बनाई गई है. 

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इसको लेकर दबंगों की अनुसूचित समुदाय के लोगों से कहासुनी हुई. दबंगों ने दलित बस्ती की 21 झोपड़ियों को आग के हवाले कर दिया, 13 अन्य झोपड़ियों को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा. दलित बस्ती के लोगों ने दबंगों की ओर से फायरिंग किए जाने की बात भी कही है. गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई. इस बीच, इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी दलित बस्ती में डेरा डाले हुए हैं.

मंत्री के दावे का पीड़ित महिला ने किया खंडन

पीड़ितों से मिलने और उनकी तकलीफ जानने के लिए बिहार सरकार के मद्य निषेध मंत्री रत्नेश सदा गुरुवार की दोपहर दलित बस्ती में पहुंचे थे. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह घटना निंदनीय है और इसके लिए जिम्मेदार लोग बख्शे नहीं जाएंगे. मंत्री ने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार गरीबों और वंचितों को इंसाफ दिलाने के लिए जानी जाती है. अपराधी जेल भेजे जाते हैं.

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इस दौरान मंत्री रत्नेश सदा ने दावा किया कि घटना के 15 मिनट के अंदर नवादा जिला प्रशासन और पुलिस की टीमें मौके पर पहुंच गई थीं. प्रशासन को देखकर दबंग मौके से भाग गए. हालांकि, उनके इस दावे का मौके पर मौजूद एक पीड़ित दलित महिला ने तुरंत खंडन किया. उसने कहा- नहीं सर ऐसा नहीं हुआ. इस पर मंत्री सदा ने गुस्से में महिला से कहा- अरे रूको...पहले सुनो. एसडीओ को देखकर दबंग सब भाग गए. डीएम, एसपी सब पहुंचे थे मौके पर. 

एक घंटे से अधिक समय बाद पहुंचा था प्रशासन

आजतक ने महिला से बातचीत की तो उसने कहा, 'मंत्री बोलते हैं कि प्रशासन समय पर आ गया था. मंत्री कहते हैं कि चुप रहो और कुछ मत बोले. वह कैसे बोल रहे हैं कि पुलिस समय पर आई. हम जब आग बुझा रहे थे तब पुलिस आई. मंत्री ऐसे ही बोल रहे हैं कि प्रशासन के लोग 15 मिनट के अंदर पहुंच गए थे. एक घंटे से अधिक समय बाद प्रशासन की टीम यहां पहुंची.' 

प्रारंभिक जांच में पता चला है कि घटना जमीन विवाद के कारण हुई है. प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो पास के गांव प्राण बिगहा के कथित भू-माफियाओं ने इस वारदात को अंजाम दिया. नवादा के एसडीपीओ (मुख्यालय) सुनील कुमार ने कहा कि शेष संदिग्धों को पकड़ने के लिए एक साथ छापेमारी जारी है. मंत्री रत्नेश सादा ने कृष्णा नगर नदीपार अग्निकांड के पीड़ितों को इस वारदात में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि पीड़ितों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर आवंटित दिए जाएंगे.

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अपना घर-सामान छोड़कर भागे दलित परिवार

आजतक से बात करते हुए बस्ती में रहने वाले गौतम ने कहा, 'हम शाम को यहां बैठे थे. हमारे बच्चे एक साथ खेल रहे थे और महिलाएं रसोई में व्यस्त थीं. हमने काफी देर तक गोलियां चलने की आवाज सुनी, हम सभी घर और सामान छोड़कर सुरक्षित स्थान की ओर भागे. फिर उन्होंने हमारे घरों में आग लगा दी' सुनीता देवी ने नम आंखों से बताया कि जब हथियारबंद हमलावर उनके गांव में पहुंचे तो वह अपने परिवार के लिए खाना बना रही थीं. उन्होंने बताया कि उनकी बेटी अपने दोस्तों के साथ बाहर खेल रही थी, जब उसने हमलावरों को गोलियां चलाते देखा तो वह डर के मारे भाग गई.

बस्ती वाली जमीन को लेकर अदालत में है मामला

रेखा देवी ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि वह रात का खाना बनाने और बच्चों को खिलाने में व्यस्त थीं. उन्होंने कहा, 'घर के वयस्क अपना खाना शुरू करने जा रहे थे, तभी हमलावरों ने आतंक फैला दिया.' रेखा ने कहा कि उनके परिवार को रात में रुकने के लिए पास के गांव में जाना पड़ा. जिस भूमि पर दलितों की बस्ती है, उसे लेकर अदालत में मामला चल रहा है. इसके बारे में बात करते हुए बिंदेश्वरी मांझी ने कहा, 'हम पीढ़ियों से यहां रह रहे हैं. अदालत से अभी तक अंतिम फैसला नहीं आया है. वे यहां आये और हमारे घरों को जलाकर राख कर दिया. हम अब कहाँ जाएंगे?'

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