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साइबर अपराधी से ठगी... EOU का अफसर बन दिखाया अरेस्ट मेमो, फिर रिहा करने नाम पर वसूले 50 हजार

मुजफ्फरपुर में साइबर ठगी करने वाले के साथ ही फ्रॉड हो गया. आर्थिक अपराध इकाई (EOU) का फर्जी अधिकारी बन ठगों ने पीड़ित को गिरफ्तार कर लिया. फिर रिहा करने एवज में उससे अच्छी-खासी रकम ऐंठ ली. पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया है.

साइबर अपराधी से ठगी साइबर अपराधी से ठगी
मणि भूषण शर्मा
  • मुजफ्फरपुर,
  • 18 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 8:40 PM IST

मुजफ्फारपुर में आर्थिक अपराध इकाई (EOU)का फर्जी अफसर बनकर ठगी करने वाले गिरोह के चार शातिर अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इन लोगों ने एक शख्स को ट्रैप करने के बाद उसका अरेस्ट मेमो बनाया और प्रॉपर सीजर भी दिखाया. ताकि इनको लगे की ये लोग ओरिजिनल आर्थिक अपराध इकाई से ही है.

मामले को लेकर सिटी एसपी अवधेश दीक्षित ने बताया कि गिरोह के सभी शातिर आर्थिक अपराध इकाई के अधिकारी बनकर आम लोगों को टारगेट करते थे. खासकर साइबर अपराध करने वालों पर इनकी विशेष नजर रहती थी. यह गिरोह ऐसे लोगों को अपना आसान शिकार बनाता था. 

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सिटी एसपी ने बताया कि एक शिकायत मिली थी कि अहियापुर थाना क्षेत्र के एसकेएमसीएच चौक के पास के रवि कुमार,जो  सिवाईपट्टी के रहने वाले हैं. उन्हें कुछ लोगों ने फोन कर के बुलाया और बोला कि कुछ बैंक अकाउंट के रुपया का लेने देन करना है. 

8 घंटे तक कार में घुमाया
जब रवि वहां पहुंचा तो तीनो लोगों ने उसे कार में बैठाया और 8 घंटे तक घुमाया. इसके बाद सदर थाना क्षेत्र के बीबगंज में छोड़ दिया. इस दौरान उनको अपराधियों ने बताया कि हमलोग आर्थिक अपराध इकाई के अफसर हैं. तीनों ने फर्जी आईकार्ड भी दिखाया. 

50 हजार रुपये और सोने की चेन की ठगी
रवि को उन लोगों ने कहा कि तुम साइबर अपराधी हो. इस वजह से हमलोग तुम्हें गिरफ्तार करने के लिए आए हुए हैं. इस दौरान पूरी कागजी कार्रवाई की गई. अरेस्ट मेमे बनाकर प्रॉपर सीजर दिखाया गया. इसके बाद उसे छोड़ने के नाम पर 50 हजार रुपये लिये, गले का चेन लिया और गाड़ी में 10 हजार रुपये का तेल भी डलवाया. 

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पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एफआईआर दर्ज की. इसके बाद पुलिस ने करवाई करते हुए 24 घंटे के भीतर तीनों लोगों की गिरफ्तारी कर लिया. इसके अलावा जिस व्यक्ति ने गाड़ी दी थी. उसे भी गिरफ्तार किया गया है. पीड़ित व्यक्ति से जो चेन छीना गया था, उसे बरामद कर लिया गया. 

ऐसे हुआ पीड़ित को शक
एसपी ने बताया कि पीड़ित को उन तीनों के फर्जी अफसर होने का शक तब हुआ, जब उन्होंने बैटिंग ऐप पर रुपया डालने को कहा. वैसे पीड़ित खुद भी साइबर अपराध गिरोह से जुड़ा हुआ है. टेलीग्राम ऐप पर एक ग्रुप चलता है. बैंक और बैंक खाता बेचता है. गिरफ्तार अपरधियों की पहचान गायघाट के विनायक कुमार, अभिनव राज, औराई थाना क्षेत्र के मटिहानी निवासी शुभम कश्यप और अहियापुर के अखाड़ाघाट नाजीरपुर निवासी आदर्श कुमार के रूप में हुई.

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