
आरजेडी से पिछले दिनों इस्तीफा देकर फिर से जेडीयू का दामन थामने वाले पू्र्व मंत्री श्याम रजक को नीतीश कुमार ने पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी दे दी. जेडीयू में उन्हें राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है. हालांकि, आरजेडी में भी वह राष्ट्रीय महासचिव के पद पर ही थे. श्याम रजक ने 2020 में चुनाव से पहले जेडीयू छोड़ दिया था और आरजेडी में शामिल हो गए थे.
पिछले महीने 22 अगस्त को एक बार फिर से श्याम रजक ने आरजेडी के राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया था. हालांकि, उनके पार्टी को छोड़ने के अटकलें पहले से लगाई जा रही थी. इस्तीफा देते हुए उन्होंने आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव को लिखा था कि - मैं शतरंज का शौकिन नहीं था, इसलिए धोखा खा गया, आप मोहरे चल रहे थे, मैं रिश्तेदारी निभा रहा था.
बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब श्याम रजक इधर से उधर हुए हैं. उन्होंने दो बार पाला बदला है. वह पहली बार 1995 में फुलवारी शरीफ सीट से विधायक बने थे. उस वक्त उन्हें लालू यादव का खास माना जाता था. श्याम रजक राबड़ी देवी सरकार में मंत्री भी रहे.
2005 में नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही आरजेडी से उनका मोहभंग होने लगा था. फिर 2010 के चुनाव से एक साल पहले 2009 में उन्होंने आरजेडी से इस्तीफा दे दिया और नीतीश कुमार के साथ आ गए. तब से 2020 के विधानसभा चुनाव के पहले तक वह जेडीयू में बने रहे. इस दौरान नीतीश कुमार ने भी उन्हें अपनी कैबिनेट में जगह दी.
बिहार में 2020 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले श्याम रजक ने जेडीयू से इस्तीफा दे दिया और आरजेडी में शामिल हो गए. पुराने घर में आने पर उनका काफी स्वागत हुआ था. अब एक बार फिर उन्होंने लालू यादव का साथ छोड़ दिया है.