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बीच खेत में खड़ा कर दिया पुल, मगर रास्ता कहीं नहीं... बिहार में सरकारी सिस्टम की अनोखी कारस्तानी!

बिहार के शिवहर से चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है. यहां खेतों के बीच में एक पुल खड़ा तो है, लेकिन उससे जुड़ने के लिए कोई सड़क नहीं बनी. यह नजारा देखने पर ऐसा लगता है मानो पुल की खेती भी शुरू हो गई हो. अब स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर इन पुलों का इस्तेमाल कैसे किया जाए, जब चढ़ने-उतरने का कोई रास्ता ही नहीं है? प्रशासन इसे 'क्रॉस ड्रेनेज स्ट्रक्चर' बताकर पल्ला झाड़ रहा है.

बीच खेत में खड़ा कर दिया पुल. (Photo: Aajtak) बीच खेत में खड़ा कर दिया पुल. (Photo: Aajtak)
केशव आनंद
  • सीतामढ़ी,
  • 23 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 1:12 PM IST

बिहार के शिवहर जिले से एक हैरान करने वाली तस्वीर सामने आई है. यहां एक पुल तो बनकर तैयार हो गया, लेकिन उससे जुड़ने वाली सड़क का कोई अता-पता नहीं है. स्थानीय लोगों में इसको लेकर आक्रोश है. उनका कहना है कि यह साफ तौर पर सरकारी विभाग और ठेकेदारों की मिलीभगत का नतीजा है, जहां बिना किसी योजना के निर्माण कार्य किए जा रहे हैं.

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दरअसल, शिवहर जिले के बेलवा-नरकटिया गांव से देवापुर तक बनने वाली स्टेट हाईवे-54 (SH-54) परियोजना का काम अधूरा है. इस परियोजना के तहत कई पुलों का निर्माण कर दिया गया है, लेकिन उनसे जुड़ने वाली सड़क अब तक नहीं बनी. नतीजा यह हुआ कि ये पुल अब बेकार खड़े हैं, क्योंकि वहां तक पहुंचने का कोई रास्ता ही नहीं है.

पुल की तस्वीर को देखकर ऐसा लग रहा है कि इलाके के खेतों में अरहर और तीसी की फसल के अलावा अब पुल की खेती भी होने लगी है. स्थानीय लोग इस परियोजना को लेकर सवाल उठा रहे हैं और सरकार से जवाब मांग रहे हैं कि आखिर बिना सड़क के पुल बनाने का क्या औचित्य है?

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जब इस मामले को लेकर बागमती कार्यपालक अभियंता विनय कुमार से सवाल किया गया तो उन्होंने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि यह सड़क उनके विभाग के अधीन नहीं है. उनके अनुसार, जहां सड़क जानी थी, वहीं पुल बनाए गए हैं, लेकिन इस बात की पुष्टि उनके विभाग से नहीं हो सकती.

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यह भी पढ़ें: बिहार में पुल ढहने की घटनाएं: सुप्रीम कोर्ट ने PIL का लिया संज्ञान, राज्य और केंद्र सरकार से मांगा जवाब

शिवहर के जिलाधिकारी विवेक रंजन मैत्रेय ने भी इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि यह स्टेट हाईवे परियोजना का हिस्सा है, जो कई वर्षों से लंबित है. उन्होंने कहा कि मुख्यालय से भू-अर्जन और निर्माण संबंधी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं और जल्द ही इस पर काम शुरू होगा.

स्थानीय ग्रामीण इस मामले को लेकर बेहद नाराज हैं. उनका कहना है कि प्रशासन सिर्फ बहाने बना रहा है, जबकि हकीकत यह है कि सरकारी धन की लूट मची हुई है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ठेकेदार और सरकारी अधिकारी मिलीभगत कर बिना किसी ठोस योजना के निर्माण कार्य कर रहे हैं.

स्थानीय लोगों का कहना है कि बिना सड़क के यह पुल किसी काम का नहीं है और इसे बनाने के पीछे सिर्फ ठेकेदारों की कमाई का उद्देश्य रहा है.

इस पूरे प्रोजेक्ट को लेकर डीएम ने क्या बताया?

शिवहर DM विवेक रंजन मैत्रेय से पूछा गया कि बेलवा नरकटिया में पुल बीच खेत में बना हुआ है, उसको लेकर ग्रामीणों का कहना है कि बिना जमीन अधिग्रहण के ही पुल बना है. पुल वर्षों से बना पड़ा है, लेकिन उसका अप्रोच तक नहीं है. इस पर डीएम ने कहा कि यह परियोजना कुछ वर्षों से लंबित थी, लेकिन अभी मुख्यालय के दिशा-निर्देश पर इस पर त्वरित कारवाई की जा रही है.

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उन्होंने कहा कि जिस संरचना की तस्वीर प्रसारित हुई है कि बिना आवश्यकता के पुल बना दिया गया, वो पुल नहीं, एक क्रॉस ड्रेनेज स्ट्रक्चर है, जिससे अधिक वर्षा की स्थिति में जलभराव होने पर एक हिस्से से दूसरे क्षेत्र में जल निकासी कराई जा सके. नियमित अंतराल पर क्रॉस ड्रेनेज स्ट्रक्चर का प्रावधान किया जाता है. जहां वो पुल बना है, वो सरकारी भूमि थी. इसलिए वहां निर्माण पहले करा लिया गया. शेष भूमि का भूअर्जन जारी है. हाल ही में ग्रामीणों के साथ पॉजिटिव संवाद हुआ है. रुकी हुई परियोजना का कार्य शुरू हो गया है.

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