
बिहार में नवगछिया के स्कूलों में आशा कार्यकर्ताओं द्वारा बच्चों को एल्बेंडाजोल दवाई दी जा रही है. ताकि बच्चों को फाइलेरिया या पेट में कृमि (कीड़े) की शिकायत न हो. इसी बीच नवगछिया अनुमंडल के मध्य विद्यालय आशाटोल और मध्य विद्यालय बलाहा में दो दर्जन से अधिक बच्चों की तबीयत बिगड़ गई.
इसमें तीन से चार बच्चों को चक्कर आया और उल्टी की शिकायत हुई. इसके बाद उन्हें नारायणपुर पीएचसी में भर्ती कराया गया. वहां बच्चों का उपचार चल रहा है. सभी बच्चे खतरे से बाहर हैं. स्वस्थ होने के बाद कई बच्चों को घर भेज दिया गया है.
इस घटना को लेकर अभिभावकों की प्रतिक्रिया आई है. अभिभावक हरि किशोर साह, सरकार से आदेश पर बच्चों को फलेरिया की दवा दी जा रही है. जो बच्चे दवाई नहीं खा रहे थे, उन्हें जबरन दवाई खिलाई जा रही थी. इसके बाद बच्चे उल्टी करने लगे.
अभिभावक रिणा देवी ने कहा कि सुबह खाना खाकर बच्चा स्कूल गया था. स्कूल में खाना भी नहीं खाने दिया गया और दवाई खिला दी गई. बच्चा बेहोश होकर स्कूल में पड़ा था लेकिन कोई देखने वाला नहीं था. 100 बच्चों की तबीयत खराब हुई है.
इस मामले में नवगछिया अनुमंडल पदाधिकारी उत्तम कुमार ने कहा कि नारायणपुर के विभिन्न विद्यालयों में कृमि नाशक दवाई खिलाई गई थी. उसमें दो विद्यालय मध्य विद्यालय आशा टोल और मध्य विद्यालय कुशहा से कुछ बच्चों को उल्टी होने की शिकायत आई थी. उन सभी को नारायणपुर पीएचसी भेजा गया था और इलाज किया गया. सभी बच्चे स्वस्थ हैं, किसी प्रकार की घबराने की बात नहीं है.