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Chirag Paswan Interview: विपक्ष करे 2034 की तैयारी, गठबंधन की तिलांजलि देने में माहिर हैं नीतीश- बोले चिराग पासवान 

चिराग पासवान ने ‘आजतक’ को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया है. इस दौरान उन्होंने राम मंदिर के मुद्दे पर विपक्ष को घेरने के साथ ही जमकर निशाना साधा. कहा कि 10 साल तक विपक्ष की सरकार नहीं बनने वाली है. विपक्षी दल अब 2034 की तैयारी करें. इसके साथ ही उन्होंने बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर खुलकर बात की. 

चिराग पासवान ने कहा कि विपक्ष भगवान राम के निमंत्रण को नहीं मानता सौभाग्य. चिराग पासवान ने कहा कि विपक्ष भगवान राम के निमंत्रण को नहीं मानता सौभाग्य.
रोहित कुमार सिंह
  • पटना,
  • 17 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 6:16 PM IST

बिहार की हाजीपुर सीट का पेच लोकसभा चुनाव से पहले उलझता दिख रहा है. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान अपने पिता की परंपरागत सीट रही हाजीपुर से अपनी मां रीना पासवान को चुनाव लड़ाने का ऐलान कर चुके हैं. वहीं, उनके चाचा भी इस सीट से अपनी दावेदारी जता चुके हैं. 

इस बीच चिराग पासवान ने ‘आजतक’ को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया. इसमें उन्होंने राम मंदिर, लोकसभा चुनाव, विपक्षी दलों और बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर खुलकर बात की. उन्होंने 22 जनवरी को राम मंदिर के दर्शन को अपना सौभाग्य बताया, तो वहीं विपक्ष को 10 साल तक चुनाव की तैयारी में जुटने की सलाह भी दी. चिराग पासवान ने क्या कुछ कहा, पढ़िए उनकी जुबानी…  

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चिराग पासवान ने कहा कि मैें 22 जनवरी को अयोध्या जा रहा हूं, जहां पर भगवान राम के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होगा. विपक्ष भगवान राम के निमंत्रण को सौभाग्य नहीं मानता है. राम मंदिर को विपक्ष ने वर्षों तक तुष्टिकरण का मुद्दा बनाकर रखा. विपक्ष को अयोध्या से इसलिए परहेज है क्योंकि उनके हाथ से एक बड़ा चुनावी मुद्दा निकल गया है.

अगले 10 साल तक के बीजेपी को कोई नहीं हरा सकता

2024 लोकसभा चुनाव बीजेपी और एनडीए के लिए डन डील है. विपक्ष ने भी 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर सरेंडर कर दिया है. विपक्ष को अब 2034 के लोकसभा चुनाव के लिए तैयारी करनी चाहिए. अगले 10 साल तक बीजेपी को कोई नहीं हरा सकता. उत्तर प्रदेश जैसे सबसे बड़े राज्य में भी विपक्ष अपने आप को एकजुट नहीं कर पाया और बसपा सुप्रीमो मायावती विपक्ष से अलग हैं. 

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हाजीपुर से मेरा राजनीतिक नहीं, व्यक्तिगत परिचय है

बीजेपी से मेरे संबंध बहुत मधुर हैं. प्रधानमंत्री से मेरे संबंध बहुत बेहतर हैं. मेरे चाचा पशुपति पारस हाजीपुर से मौजूदा सांसद हैं. वह यह कहते हैं कि हाजीपुर से वह चुनाव लड़ेंगे, तो मुझे लगता है कि वह प्रधानमंत्री के फैसले पर सवाल खड़े कर रहे हैं. हाजीपुर से मेरा राजनीतिक नहीं, व्यक्तिगत परिचय है. मैं हाजीपुर से चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरीके से तैयार हूं.

नीतीश कुमार की कोई विश्वसनीयता ही नहीं 

नीतीश कुमार गठबंधन की तिलांजलि देने में माहिर हैं और नीतीश कुमार की कोई विश्वसनीयता नहीं है. उनकी पार्टी बिहार में तीसरी नंबर की पार्टी है, लेकिन उन्हें लोकसभा चुनाव में बराबर की सीट चाहिए. नीतीश कुमार की बात करेंगे, तो कुछ भी हो सकता है. वह लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए में भी आ सकते हैं.

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