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CISF jawan died on duty : सीआईएसएफ जवान को अंतिम विदाई देने उमड़ी भीड़, कश्मीर में ड्यूटी के दौरान हुई थी मौत

सारण में सीआईएसएफ जवान का पूरे सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान जवान को अंतिम विदाई देने इलाके के लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. लोग पार्थिव शरीर की एक झलक पाने के लिए जद्दोजहद करते नजर आए.

छपरा में सीआईएसएफ जवान को दी अंतिम विदाई छपरा में सीआईएसएफ जवान को दी अंतिम विदाई
आलोक कुमार जायसवाल
  • सारण,
  • 23 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 11:38 AM IST

बिहार के सारण (Saran) जिले के सीआईएसएफ के जवान की जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ (Kishtwar) में मंगलवार को ड्यूटी के दौरान मौत हो गई थी. शुक्रवार को जवान का शव किश्तावाड़ से जिले के सदर प्रखंड स्थित उसके पैतृक गांव उमधा लाया गया. मृतक सीआईएसएफ जवान रौशन सिंह की उम्र 28 के करीब थी. उसके पिता का उमधा गांव के रहने वाले अरुण कुमार सिंह हैं. पैतृक गांव में पूरे सैनिक सम्मान के साथ मृतक जवान को अंतिम विदाई दी ( CISF jawan cremated in Chhapra ) गई. इस दौरान अंतिम दर्शन के लिए आसपास के इलाके लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई.

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होली की छुट्टी में आने वाला था अपने घर :
बताया जाता है कि बीते मंगलवार की रात जब जवान रौशन सोया तो सुबह उठ ही नहीं पाया. बुधवार को जवान के यूनिट के अधिकारी ने रौशन के परिजन को यह दुःखद सूचना दी.जवान रौशन की शादी 2 वर्ष पूर्व हुई थी. उसे एक 6 माह की बेटी है. परिजनों ने बताया कि मंगलवार की रात रौशन ने अपनी पत्नी से बातचीत के दौरान बताया था कि, वह होली की छुट्टी में घर आने वाला है. लेकिन अब उसका पार्थिव शरीर होली के पूर्व तिरंगे में लिपटा हुआ आया है. जवान का शव जैसे ही उसके पैतृक आवास आया,पूरे इलाके में शोक फैल गई. परिजन जवान के मृत शरीर को देखते हो चीत्कार करने लगे.

मौत का कारण स्पष्ट नहीं :
मृत जवान रौशन के चाचा पुरुषोत्तम सिंह ने बताया कि उनका भतीजा सीआईएसएफ में सिपाही के पद पर था. इस समय वह जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ (CISF jawan died on duty)में तैनात था. जवान रौशन के मौत का कोई स्पष्ट कारण किसी ने नहीं बताया.शव गांव पहुंचने के बाद साथ आये सीआईएसएफ के जवानों ने अपने मृत साथी को पूरे सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी. जिला प्रशासन की तरफ से सदर अंचलाधिकारी सतेंद्र सिंह ने मृत जवान को श्रद्धांजलि दी. जवान का अंतिम संस्कार रिविलगंज के सेमरिया मुक्ति धाम पर किया गया.

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