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बख्तियारपुर के नाम को लेकर विवाद, BJP बोली- नाम बदलना जरूरी, JDU ने कहा, मांग करने वालों को इतिहास का ज्ञान नहीं

बिहार में बख्तियारपुर और सुल्तानगंज का नाम बदलने की मांग को लेकर विवाद हो गया है और BJP- JDU आमने-सामने आ गई है. बीजेपी नेता और नीतीश सरकार में मंत्री नीरज सिंह बबलू का कहना है कि बिहार में भी रेलवे स्टेशन और शहरों के नाम बदलना जरूरी है. जबकि JDU ने कहा कि उन्हें इतिहास का ज्ञान नहीं है.

बिहार में नाम बदलने की मांग को लेकर बीजेपी-जेडीयू आमने-सामने आ गई है. बिहार में नाम बदलने की मांग को लेकर बीजेपी-जेडीयू आमने-सामने आ गई है.
अनिकेत कुमार
  • पटना,
  • 30 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 12:27 PM IST

यूपी की तर्ज पर बिहार में भी नाम बदलने की मांग उठ रही है. हालांकि, सत्तारूढ़ NDA में इसे लेकर मतभेद है. बीजेपी का कहना है कि रेलवे स्टेशनों और शहरों के नाम बदले जाने चाहिए. जबकि जेडीयू ने अपनी ही सहयोगी पार्टी पर तंज कसा है और साफ कर दिया कि किसी शहर और स्टेशन का नाम नहीं बदला जाएगा. जेडीयू का कहना था कि जिन्हें इतिहास का ज्ञान नहीं है, वो नाम बदलने की बात करते हैं.

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दरअसल, दो दिन पहले यूपी में कई रेलवे स्टेशनों के नाम बदले गए हैं. इससे पहले यूपी में माफिया और अपराधियों पर बुल्डोजर की कार्रवाई भी चर्चा में रहती है. यूपी मॉडल को बिहार में बीजेपी के नेता पसंद करते हैं. हालांकि, अक्सर देखा गया कि सत्ता की बागडोर JDU इससे इतर राय रखती है.

नाम बदलने को लेकर बिहार में सियासत गरम

बिहार में अब बख्तियारपुर और सुल्तानगंज का नाम बदलने की मांग को लेकर विवाद हो गया है और BJP- JDU आमने-सामने आ गई है. बीजेपी नेता और नीतीश सरकार में मंत्री नीरज सिंह बबलू का कहना है कि बिहार में भी रेलवे स्टेशन और शहरों के नाम बदलना जरूरी है. जबकि JDU ने कहा कि उन्हें इतिहास का ज्ञान नहीं है.

बिहार सरकार में मंत्री नीरज बबलू ने बख्तियारपुर का नाम नालंदा और सुलतानगंज का नाम अजगैबीनाथ धाम करने की मांग की है. मंत्री नीरज सिंह बबलू का कहना था कि बख्तियारपुर का नाम बख्तियार खिलजी के नाम पर रखा गया है. यह वही बख्तियार खिलजी हैं, जिसने नालंदा यूनिवर्सिटी को जलाकर रख दिया था. मैं सरकार से मांग करता हूं कि इस पर अविलंब कार्रवाई करते हुए बख्तियारपुर का नाम नालंदा रख देना चाहिए.

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मंत्री की इस मांग पर JDU ने विरोध जताया. जेडीयू नेता और एमएलसी नीरज कुमार ने कहा कि बख्तियारपुर का नाम बदलने का मांग वही उठा रहे हैं, जिन्हें इतिहास का ज्ञान नहीं है. बख्तियारपुर एक गांव था, जिसकी आबादी करीब 250 थी. बख्तियार काकी नाम के एक सूफी संत थे, उन्हीं के नाम पर बख्तियारपुर नाम पड़ा है. ना कि बख्तियार खिलजी के नाम पर. क्या उस जगह का नाम बदलने से उस इलाके के लोगों को बिना टिकट के यात्रा करने का इजाजत मिल जाएगा?

जानिए नीरज बबलू ने क्या मांग उठाई है...

बीजेपी नेता नीरज सिंह बबलू कहते हैं, ''बिहार में भी नाम बदले जाने चाहिए. यूपी में जो भी बेहतर काम होते हैं, उसकी चर्चा देशभर में होती है. नाम बदलने से लेकर अपराधियों पर बुल्डोजर कार्रवाई मिसाल बन जाती है. मुगल शासन में तोड़फोड़-लूटपाट के बाद गलत नाम रखे गए. ऐसे कई नाम बिहार में भी हैं. इसे सबसे पहले बदलने की जरूरत है. हमारे बगल में बख्तियारपुर है, जिसन नालंदा विश्वविद्यालय को जलाने और लूटने का काम किया. बख्तियारपुर रेलवे स्टेशन का नाम पहले नालंदा था. बाद में नाम बदला गया.सबसे पहले इसे चेंज करना चाहिए. दूसरा नाम अजगैबीनाथ में सुल्तानगंज है, उसका नाम भी बदलना चाहिए. उसका नाम अजगैबीनाथ होना चाहिए. हमारे यहां कोसी कमिश्नरी में एक और बख्तियारपुर है. उसका नाम भी बदलना चाहिए. ऐसे पुराने और घृणित व्यक्तियों के नाम हैं, वो चेंज होना चाहिए. बख्तियारपुर खिलजी स्टेशन का नाम बदला जाना चाहिए. इसमें देरी नहीं होना चाहिए. ये नाम आतताइयों की याद दिलाते हैं. इन आतताइयों ने बिहार को लूटने और धार्मिक हमला करने का काम किया है. इनके नामो-निशान खत्म होना चाहिए.''

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जेडीयू ने मंत्री के बयान पर कसा तंज...

जेडीयू  एमएलसी नीरज कुमार ने कहा, ''बख्तियारपुर के बारे में जिन लोगों को जानकारी का अभाव है और इतिहास का ज्ञान नहीं है. बख्तियारपुर एक गांव था और उस गांव की आबादी 250 थी. बख्तियार काकी नाम के सूफी संत थे. जिनके नाम पर बख्तियारपुर है. बख्तियार खिलजी कहां गए थे? वो भागलपुर के रास्ते से बंगाल गए थे. ऐसे में बख्तियारपुर कहां नजर आ गया? नाम बदलने से उस इलाके के लोगों को बिना टिकट यात्रा की अनुमति मिल जाएगी क्या? नाम बदलने से अच्छा है काम करिए और सुविधाएं बढ़ाइए. मैं अनुरोध करता हूं कि सहरसा जिले में सिमरी बख्तियारपुर है? नाम बदलने की मांग करने वालों को डॉ. राधाकृष्ण चौधरी की किताब पढ़ना चाहिए. गजट निकालकर पढ़ लीजिए. पूरी चुनौती के साथ कहता हूं कि चाहे बख्तियारपुर हो, बिहार शरीफ हो या सिमरी बख्तियारपुर हो... जिसके नाम बदलने की लोग चर्चा करते हैं, इतिहास में वैसे नाम सूफी संतों के नाम पर हैं. जहां हिंदू और मुसलमानों सबकी श्रद्धा रहती है. हम नाम क्यों बदलेंगे? हमने उस इलाके की तस्वीर को बदल दिया है. आज बख्तियारपुर की तस्वीर बदल गई है. वरना बख्तियारपुर को कौन जानता था. आज बख्तियारपुर में पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी बन रही है. इंजीनियरिंग कॉलेज बन रहा है. कहां-कहां से ज्ञान लेकर चले आते हैं.''

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