
बिहार के मुजफ्फरपुर (muzaffarpur) में ठगी करने वाले गिरोह पर पुलिस ने शिकंजा कसा है. ये ठग आर्थिक अपराध इकाई का फर्जी अधिकारी बनकर ठगी करते थे. इस गिरोह से जुड़े चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. ये लोग किसी को ट्रैप में फंसाने के बाद उसका प्रॉपर तरीके से अरेस्ट मेमो तैयार करते थे. इसके बाद उनसे ठगी करते थे. पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने एक साइबर क्रिमिनल के साथ ही ठगी की है.
दरअसल, पुलिस को शिकायत मिली थी कि अहियापुर थाना क्षेत्र के एसकेएमसीएच चौक के पास रवि कुमार सिवाईपट्टी निवासी को कुछ लोगों ने फोन कर बुलाया था. रवि से कहा था कि कुछ बैंक अकाउंट के रुपयों का लेन-देन करना है. जब रवि वहां पहुंचा तो वहां मौजूद तीन लोगों उसे कार में बैठा लिया. इस दौरान रवि को 8 घंटे तक घुमाया, उसके बाद सदर थाना क्षेत्र के बीबगंज में छोड़ दिया. इसके बाद फर्जी अधिकारी ने कहा कि वह आर्थिक इकाई का ऑफिसर है.
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तीनों के पास फर्जी कार्ड भी था. ठगों ने रवि से कहा कि वह साइबर अपराधी है और वे लोग उसे गिरफ्तार करने आए हैं. ठगों ने गिरफ्तारी का माहौल बनाया और झूठी कागजी कार्रवाई भी की. इसके बाद रवि को छोड़ने के नाम पर ठगों ने 50 हजार की रिश्वत ली. गले का चेन भी ले लिया, साथ ही गाड़ी में 10 हजार रुपये का तेल भी डलवाया.
यह मामला सामने आने के बाद शिकायत पुलिस तक पहुंची. पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की और तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने चेन भी बरामद कर लिया है.
पीड़ित रवि को फर्जी ऑफिसर होने का शक तब हुआ, जब उन्होंने बेटिंग एप पर रुपये डालने को कहा था. पीड़ित खुद भी साइबर अपराध के गिरोह से जुड़ा हुआ है. टेलीग्राम पर एक ग्रुप चलाता है. बैंक अकाउंट बेचता है.
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान गायघाट के विनायक कुमार, गायघाट के ही अभिनव राज और औराई के मटिहानी निवासी शुभम कश्यप व अहियापुर के अखाड़ाघाट नाजीरपुर निवासी आदर्श कुमार के रूप में हुई है. पुलिस ने बताया कि यह सभी आर्थिक अपराधी इकाई के अधिकारी बनकर आम लोगों को टारगेट करते थे. खासकर साइबर में गड़बड़ी करने वालों पर नजर रखते थे और उन्हें अपना शिकार बनाते थे. आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई चल रही है.