
लालू यादव के बेटे और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. गुजरातियों को ठग बताने वाले बयान को लेकर दायर मानहानि की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
न्यायमूर्ति ए एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने तेजस्वी यादव को राहत दी और कहा है कि उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया है. पीठ ने कहा, 'हमने शिकायत खारिज कर दी है'.
शीर्ष अदालत ने 29 जनवरी को तेजस्वी यादव को अपनी कथित टिप्पणी 'केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं' को वापस लेने का आदेश देते हुए अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था. इसके बाद तेजस्वी यादव ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर अपनी "गुजराती ठग" वाली टिप्पणी वापस ले ली थी.
शीर्ष अदालत ने आरजेडी नेता की याचिका पर सुनवाई करते हुए पहले आपराधिक मानहानि शिकायत की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी और गुजरात निवासी हरेश मेहता को नोटिस जारी किया था. गुजरात के हरेश मेहता नाम के शख्स ने ही अहमदाबाद कोर्ट में तेजस्वी यादव के खिलाफ याचिका दायर की थी.
गुजरात की अदालत ने अगस्त में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 202 के तहत तेजस्वी यादव के खिलाफ प्रारंभिक जांच की थी और एक स्थानीय व्यवसायी और कार्यकर्ता हरेश मेहता द्वारा दायर शिकायत पर उन्हें समन दिया था.
शिकायत के अनुसार, तेजस्वी यादव ने मार्च 2023 में पटना में मीडिया से बात करते हुए कहा था, 'वर्तमान स्थिति में केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं, और उनकी धोखाधड़ी माफ कर दी जाएगी.' तेजस्वी यादव के इस बयान को लेकर हरेश मेहता ने दावा किया कि यादव की टिप्पणियों ने सभी गुजरातियों को बदनाम किया है.