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BJP में शामिल हुए यूट्यूबर मनीष कश्यप, नहीं लड़ेंगे चुनाव, बिहार में NDA के लिए करेंगे प्रचार

बिहार के फेमस यूट्यूबर मनीष कश्यप BJP में शामिल हो गए हैं. दिल्ली मुख्यालय में मनोज तिवारी ने उन्हें पार्टी में शामिल कराया. इससे पहले उन्होंने ऐलान किया था कि वो पश्चिमी चंपारण सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे.

यूट्यूबर मनीष कश्यप बीजेपी में शामिल हो गए हैं. यूट्यूबर मनीष कश्यप बीजेपी में शामिल हो गए हैं.
रोहित कुमार सिंह
  • पटना,
  • 25 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 1:31 PM IST

बिहार के फेमस यूट्यूबर मनीष कश्यप (Manish Kashyap) भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए हैं. मनीष कश्यप को दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में सांसद मनोज तिवारी ने पार्टी की सदस्यता दिलाई. इससे पहले उन्होंने ऐलान किया था कि वो पश्चिमी चंपारण सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे. हालांकि अब उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है.  

खुद को सन ऑफ (Son of Bihar) बिहार कहने वाले मनीष कश्यप ने पश्चिमी चंपारण सीट पर चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया था. वह निर्दलीय चुनाव में उतरना चाहते थे, लेकिन उससे पहले उन्होंने बड़ा कदम उठाते हुए बीजेपी में शामिल होने का फैसला किया है. इससे पहले वो साल 2020 में वो बिहार की चनपटिया विधानसभा सीट से भी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ चुके थे. इसमें उनकी हार हुई थी. 

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बेतिया जिले के रहने वाले मनीष कश्यप उस समय चर्चा में आए थे, जब फर्जी वायरल वीडियो मामले में उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. मनीष को करीब नौ महीने जेल में बिताने पड़े थे. इसके अलावा मनीष की पहचान एक सक्सेसफुल यूट्यूबर की है. उनके यूट्यूब पर करीब 8.75 मिलियन सब्सक्राइबर्स हैं. वो बिहार से जुड़े कई सामाजिक मुद्दों पर सालों से वीडियो बना रहे हैं. केवल बिहार में ही नहीं बल्कि हिन्‍दी स्‍पीकिंग बेल्‍ट में उनके वीडियो काफी पसंद किए जाते हैं. 

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क्यों हुई थी मनीष कश्यप की गिरफ्तारी? 

दरअसल, दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों के साथ मारपीट का कथित वीडियो मनीष कश्‍यप ने अपने आधिकारिक यूट्यूब चैनल से शेयर किया था, जो काफी वायरल हुआ था. यह वीडियो बनाकर वो कानून के जाल में बुरी तरह फंस गए. वीडियो वायरल होने के बाद तमिलनाडु पुलिस ने इसे भ्रामक बताया था. इस मामले में पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज की थी. इसके अलावा बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने भी इसी मामले को लेकर मनीष कश्यप के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी. 

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करीब 9 महीने जेल में रहे कश्यप

जब पुलिस ने दबिश दी तो मनीष कश्यप अंडरग्राउंड हो गए. जब बेतिया पुलिस ने मनीष के घर की कुर्की शुरू की तो स्थानीय थाने में सरेंडर कर दिया था. EOU टीम ने केस अपने कब्जे में लेकर मनीष से पूछताछ की और जेल भेज दिया. तमिलनाडु पुलिस की टीम पटना पहुंची और 30 मार्च 2023 को ट्रांजिट रिमांड पर तमिलनाडु पुलिस अपने साथ ले गई थी. उसके बाद करीब नौ महीने तक मनीष कश्यप जेल में रहे.

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